परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी जरूरी -सीफार के सहयोग से परिवार कल्याण कार्यक्रमों पर मीडिया कार्यशाला

परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी जरूरी
-सीफार के सहयोग से परिवार कल्याण कार्यक्रमों पर मीडिया कार्यशाला
-छोटे परिवार की अलख जगाने में मदद के लिए प्रधानों को पत्र भेजा है: सीएमओ
-परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना
-स्थानीय सांसद हेमा मालिनी का वीडियो सन्देश भी किया गया प्रसारित
मथुरा, 17 जुलाई-202।परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की सक्रिय भागीदारी इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है। पुरुषों की नसबंदी तुलनात्मक रूप से महिला नसबंदी की अपेक्षा बहुत सरल और आसान है।
ये बातें संयुक्त निदेशक (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) आगरा मंडल डॉ. रविन्द्र गुप्ता की उपस्थिति में शनिवार को जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा पर स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित मीडिया कार्यशाला में कहीं गयीं। इस बार के जनसंख्या स्थिरता पखवाडे की थीम- “खुशहाली का आधार-पुरुष जिम्मेदार” है ।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रचना गुप्ता ने बताया कि जनप्रतिधियों व ग्राम प्रधानों से परिवार नियोजन में मदद मांगी गयी है। इसके लिए उन्हें पत्र प्रेषित किए गये हैं।
27 जून से 10 जुलाई तक दंपत्ति पखवाड़ा व 11 जुलाई से 31 जुलाई तक विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। महिला बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए ओरल पिल्स, आईयूसीडी प्रसव पश्चात व गर्भ समापन पश्चात्, त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, हार्मोनल गोली छाया व कंडोम की सुविधा हर स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त उपलब्ध है।
इस मौके पर परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. देवेन्द्र अग्रवाल ने परिवार नियोजन के बारे में बताया। त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन के प्रति महिलाओं की बढती रुझान के बारे में भी बताया।
कार्यशाला में यूपीटीएसयू की परिवार नियोजन विशेषज्ञ सविता पांडेय ने प्रोजेक्टर पर जनपद की प्रगति व गतिविधियों को समझाया।
कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा दिलीप कुमार ने परिवार नियोजन के बारे में विस्तृत विचार व्यक्त किए।
डीसीपीएम पारुल शर्मा और अर्बन में कार्य कर रहीं फौजिया खानम ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के बारे में जानकारी दी। पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य व पोषण को लेकर चल रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में बताया।
इस मौके पर स्थानीय सांसद हेमा मालिनी का वीडियो सन्देश भी प्रसारित किया गया, जिसके जरिये उन्होंने जिले में चल रहीं विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की लोगों से अपील की।
कार्यशाला में उपस्थित सीफार की नेशनल प्रोजेक्ट लीड रंजना द्विवेदी ने सही उम्र में शादी और पहले बच्चे के जन्म की योजना शादी के दो साल बाद ही बनाने पर जोर दिया और कहा कि बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर बहुत जरूरी है।
कार्यशाला का संचालन जिला स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी जितेंद्र सिंह ने किया। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी और सीफार के प्रतिनिधि उपस्थित रहे
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