
आज उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सूरदास ब्रजभाषा अकादमी की स्थापना की घोषणा कर दी। ब्रजभाषा अकादमी की घोषणा की खबर सुनते ही ब्रज के साहित्यकारों व विद्वानों में खुशी की लहर दौड़ गयी। सभी एक दूसरे को बधाइयां देने लगे। साहित्यकार व विद्वानों ने भाजपा जिलाध्यक्ष मधुशर्मा के प्रयासों की भूरी भूरी प्रशंसा की।
पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया जी ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले एक दशक से वे ब्रज भाषा अकादमी की स्थापना के लिये प्रयास रत थे। पिछले एक दशक में उन्होंने सैकड़ों पत्र शासन प्रशासन को लिखे। आज मधुशर्मा जी भागीरथ बनी है जो गंगा स्वरूप सूरदास ब्रजभाषा अकादमी को लेकर आईं हैं। उनके साथ साथ अन्य लोगों का सराहनीय प्रयास रहा होगा उन सभी को साधुवाद।
भाजपा जिलाध्यक्ष मधुशर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे संज्ञान में हिंदी साहित्य के विद्वानों ने डाला कि ब्रज में पिछले कई दशकों से ब्रजभाषा अकादमी की स्थापना की महती आवश्यकता महसूस की जा रही है। ब्रज भाषा के लोकगीतों, परसोकलों, लोकोत्तियो के संरक्षण के लिये अकादमी की स्थापना होना अनिवार्य हो चला है।
साहित्य के विद्वानों व वृन्दावन के कुछ रसिक भक्तों की बात को मैने पत्र के माध्यम से 30 मई को प्रदेश के संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह जी के सामने रखा, ये एक संयोग ही था कि एक घण्टे बाद उनकी मुलाकात प्रमुख सचिव महोदय से होने वाली थी। तत्काल विषय संज्ञान ले लिया गया। कुछ साहित्यकारों द्वारा पहले पत्रव्यवहार किया गया था उन सभी फाइलों को निकाला गया। जिसमे सूरदास ब्रजभाषा अकादमी के नाम का भी प्रस्ताव था।
यह मेरा नही सभी ब्रजवासियों का सामूहिक प्रयास था। जिसमे हमें आज सफलता मिली है। हम सभी ब्रजवासियों के लिये ये हर्ष का विषय है।
सूरदास ब्रजभाषा अकादमी की स्थापना से सभी ब्रजवासियों में हर्षोल्लास है।
ब्रज संस्कृति संरक्षण संस्थान के पदाधिकारी लक्ष्मी नारायण तिवारी, प्रमोद सिसोदिया, भुवनेश चौधरी, प्रमोद गौतम, आदि ने भाजपा जिलाध्यक्ष के प्रयासों की भूरी भूरी प्रशंसा की।