किसके इशारे पर कटे वृन्दावन में 300 पेड, आखिर कौन बचा रहा है अब इस कृत्य को अंजाम देने वालों को? विशेष रिपोर्ट

जितेन्द्र भारद्वाज सम्पादक
किसके इशारे पर कटे वृन्दावन में 300 पेड, आखिर कौन बचा रहा है अब इस कृत्य को अंजाम देने वालों को? एक विशेष रिपोर्ट
वृन्दावन छटीकरा मार्ग पर स्थित डालमिया फार्म हाउस में 300 पेडों के काटे जाने का मामला सुर्खीयों में है। सम्पूर्ण ब्रज में इस बात की आलोचना हो रही है। कहा जा रहा है यह जमीन आश्रम लेण्ड है। लेकिन मथुरा के शंकर सेठ ने इसे खरीद लिया था। वृन्दावन में आसमान छूती जमीनों के रेट को देखते हुए यह जमीन भी टुकडों में हाथों हाथ विक गयी। कहा जा रहा है कि कई व्यापारीयों ने एक एक हजार गज के टुकडे इसमें से खरीद लिये थे। जिन्हे कब्जा देने के लिये इन पेडों का कटान आनन फानन मे इतने बडे पैमान पर ं किया गया था।
किन किन के खिलाफ हुई है कार्रवाई
पेड़ों के काटने के मामले में मालिक मैसर्स डालमिया संस, नारायण प्रसाद डालमिया निवासी लाला लाजपतराय सरानी, कोलकाता, श्रीचंद धनुका पुत्र शंकर लाल धनुका,अरुणा धनुका निवासी लोडन स्ट्रीट कोलकाता, मृगांक धानुका पुत्र चंद्र कुमार धानुका, गुरुकृपा तपोवन भूमि का मालिक, शंकर सेठ मथुरा व अन्य मालिक व बिल्डर, जेसीबी मालिक, पोकलिन मालिक व श्रमिको के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
आाखिर कौन बचा रहा है आरोपियों को
कहा जा रहा है इस बहुचर्चित इस मामले में केन्द्र सरकार के एक मन्त्री के हस्तक्षेप करने के बाद मामले को रफा दफा करने की तैयारी की जा रही है। लेकिन स्थानीय लोगो की नाराजगी को देखते हुए प्रशासन कोई रिस्क लेना नही चाहता। वृन्दावनवासी मामले को लेकर कोर्ट मे जनहित याचिका डालने, टीटीजेड व एनजीटी में शिकायत करने की तैयारी कर रहे है। वही भारतीय किसान यूनीयन के पदाधिकारीयो ने घटना स्थल पर पहुंच कर अपने इरादे जाहिर कर दिये है। प्रदेश प्रवक्ता हरेश ठेनुआ का कहना है कि यदि जिला प्रशासन द्वारा इस मामले मे कोई कार्रवाही नही की गयी तो भारतीय किसान यूनीयन धरना प्रदर्शन करने के लिये बाध्य होगी।
वही स्थानीय मीडिया इस मामले को प्राथमिकता से लिये हुए है। बताया जा रहा है कि जमीन पर पेडों के कटान से पहले उच्च स्तर पर सेंटिंग कर ली गयी थी। लेकिन मीडीया में मामला उछलने के कारण माफियाओं के किये धरे पर पानी फिर गया।
इस जमीन के बारे ंमे बल्देव विधायक पूरन प्रकाश ने विधानसभा में भी सवाल किया था। इसके साथ साथ सचिवालय में भी शिकायत दी थी। लेकिन प्रशासन चुप्पी साधे रहा। स्थानीय मीडिया में मामला उछलने के बाद जब सांसद हेमा मालिनी ने मुख्यमन्त्री योगी आदित्य नाथ से सीधी बात की उसके बाद स्थानीय प्रशासन नीद से जागा ओर जिले के पांच विभागों ने जैंत थाने में अलग अलग शिकायत दर्ज करा दी। जिनमें वन विभाग, मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण, बिजली विभाग, उ0 प्र0 तीर्थ विकास परिषद, व नगर निगम ने अपने अपने स्तर से एफआईआर कराई है।
कौन है मथुरा के वे 5 प्रसिद्व व्यापारी जिन्होने 150 करोड के मुनाफे में हवा मे ही बेच दी यह जमीन श्ंाकर सेठ को।
आखिर किसकी थी ये जमीन, डालमिया व धानुका परिवार तक कैसे पहुची?
क्या अवैध रूप से बिक्री हुई थी यह जमीन डालमिया व धानुका परिवार को?
आखिर क्यों है शुरू से ही यह जमीन विवादित?
मुगलों से क्या सम्बन्ध है इस जमीन का?
डालमिया परिवार के खरीदने के बाद आखिर किसने कराया था भूमि पूजन?
इन सारे सवालों को जानने के लिये देखिये हमारी विशेष रिपोर्ट -2