अपराधदुनिया

*“खम्बा गिरा रे मथुरा के बाजार में”, ये कोई गाने के बोल नही आज की घटना है, बिजली विभाग में कोई हलचल नही, क्योंकि मथुरा की जनता सो रही है।

आपने गाना सुना होगा ” झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में” आज गिरा तो मथुरा बाजार में भी है मगर वो झुमका नही बिजली के खम्बा है। जो मथुरा जनपद के सबसे व्यस्ततम बाजारों में से एक है। चौक बाजार में ब्रजवासी मिठाई वाले के सामने खड़ा बिजली का खम्बा आज धड़ाम से गिर पड़ा, लोगों का कहना है कि वैसे तो किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, मगर बड़ा हादसा होने से टल गया।

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चौक बाजार में ब्रजवासी मिठाई वाले की दुकान से सटा बिजली का खम्बा आज अचानक गिर गया, लम्बे समय से इस खम्बे के गिरने के आसार लग रहे थे। कुम्भकर्णी नींद सोए बिजली विभाग को इस बात की परवाह भी नही थी। आज यह खम्बा सांय के समय गिर गया और सामने की एक बिल्डिंग से जाकर टिक गया। गनीमत रही कि किसी को इसके गिरने से कोई नुकसान नहीं हुआ। वरना बहुत बड़ा हादसा हो सकता था।

बिजली विभाग में इस घटना को लेकर हड़कंप मच जाना चाहिये था। मगर विभाग के कान पर जूं तक नही रेंगी। उसकी वजह बिजली विभाग को पता है ” ये मथुरा की भोली भाली जनता है। लोकतंत्र के महापर्व में मात्र 40% मतदान करने वाले लोगों पर नाराज होने का वक्त कहाँ होगा।”

जब तक किसी की मौत न हो ये जागने वाले कहाँ है?

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