
मथुरा। जनपद मथुरा में परिषदीय स्कूलों के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। अधिकतर स्कूलों पर ताले लटके मिलते हैं। शिक्षक और शिक्षिकाएं समय से स्कूलों में नहीं पहुंच रहे हैं जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों का भविष्य अंधकार में जाता दिखाई दे रहा है।
योगी सरकार प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लाख दावे करें, लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल इसके उलट है।जनपद मथुरा के अधिकतर परिषदीय स्कूलों में शिक्षक समय से नही पहुंचते, अक्सर 10 बजे तक स्कूल के गेट पर ताले लटके दिखाई देते हैं।
स्थानीय लोगों द्वारा खण्ड शिक्षा अद्गीकरी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से भी कई बार शिकायत करने पर हालात वही “ढाक के तीन पात” वाले रहते हैं।
ऐसे लापरवाह शिक्षकों की उच्च अधिकारियों तक सीधी सेटिंग रहती है।
ग्रामीण व जनप्रतिनिधि कितनी भी शिकायत करें इसके बावजूद भी शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी लापरवाह शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। सूत्रों की माने तो स्थानीय कुछ शिक्षक अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते लापरवाह शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। जिसके कारण उनके हौसले बुलंद है और वह समय से अपने स्कूलों में भी नहीं पहुंचते हैं। जिसकी लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों के बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।