मथुरा में पति-पत्नी के विवाद में फर्जी दरोगा बनकर युवक और उसके परिवार से 6.5 लाख रुपये की ठगी करने वाला जालसाज सदर बाजार पुलिस और साइबर सेल के हत्थे चढ़ गया है। पुलिस ने आरोपी के पास से नकदी, मोबाइल और कार बरामद की है। पूर्व में भी कई वारदात में जालसाज गिरफ्तार होकर जेल जा चुका है।
शनिवार को पुलिस लाइन सभागार में पत्रकार वार्ता में एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि थाना सदर बाजार की सिविल लाइन निवासी हेमंत कुमार भारद्वाज पुत्र भूदेव भारद्वाज ने 9 सितंबर को रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें भाई राहुल और उसकी पत्नी श्वेता के बीच विवाद बताया। एक माह से श्वेता के मायके गाजियाबाद में रहने की बात कही गई थी।
18 अगस्त को उपनिरीक्षक योगेंद्र कुमार बनकर एक फोन कॉल राहुल के पास आया। कहा कि थाना सिहानीगेट का इंचार्ज बोल रहा हूं। तुम्हारी पत्नी ने तुम्हारे खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस पर राहुल ने समझौते की बात की और योगेंद्र कुमार के खाते में एक लाख रुपये भेज दिए।
कई बार में वसूले 6.50 लाख रुपये
शेष रुपये लेने 27 अगस्त को कार से खुद को उपनिरीक्षक योगेंद्र कुमार बताने वाला व्यक्ति पुलिस वर्दी में सिविल लाइन पेट्रोल पंप पर आया और एक लाख रुपये और ले गया। इसके बाद व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से राहुल से बातचीत करके कुल 6 लाख 50 हजार रुपये ले लिए और फिर मोबाइल बंद कर दिया।
बाद में जब जानकारी की गई तो पता चला कि योगेंद्र कुमार दरोगा ही नहीं है और उसका नाम जावेद अली है। इस आधार पर सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। साइबर सेल और पुलिस की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को एनसीसी तिराहे से आरोपी जावेद अली गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी रजा मस्जिद के पास मुस्तफाबाद, लोनी गाजियाबाद का रहने वाला है। उससे 1.37 लाख रुपये, कार और मोबाइल, पुलिस की वर्दी बरामद की गई है। इस कार्रवाई में थाना सदर बाजार प्रभारी निरीक्षक महेंद्र प्रताप चतुर्वेदी, साइबर सैल प्रभारी नितिन कसाना, उपनिरीक्षक अरविंद कुमार टीम में शामिल थे।
कचहरी पर प्रार्थनापत्र से लिया राहुल का नंबर, फिर किया फोन
एसपी सिटी मार्तंड प्रकाश सिंह ने बताया कि जावेद ने एक मकान खरीदने के लिए दिए गए एक लाख रुपये के बैंक ट्रांसफर को पुलिस ने होल्ड करा दिया। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपी जावेद से शाहरुख नामक व्यक्ति ने प्लॉट दिलाने के नाम पर चार लाख रुपये लिए थे, जिन्हें लेकर वह भाग गया। उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए जावेद 17 अगस्त को गाजियाबाद कचहरी पर वकील के पास गया था।
वहीं पास में श्वेता नामक महिला भी ससुरालीजनों के खिलाफ मुकदमा लिखवाने को प्रार्थनापत्र टाइप करा रही थी। चुपके से टाइप कराए गए प्रार्थनापत्र का फोटो उसने मोबाइल में ले लिया, जिस पर राहुल का मोबाइल नंबर भी अंकित था और इसी आधार पर दरोगा बनकर राहुल से ठगी कर डाली।