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तालिबान का असली चेहरा: महिला गवर्नर को बंधक बनाया, भीड़ पर बरसाई गोलिया

अफगानिस्तान पर नियंत्रण के बाद खुद को उदारवादी दिखाने की कोशिश कर रहे तालिबान का असली चेहरा एक ही दिन बाद सामने आ गया। बुधवार को एक तरफ बामियान में शिया हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा को तोड़ दिया गया, वहीं देश की पहली महिला गवर्नर रहीं सलीमा मजारी को बंधक बना लिया गया। तालिबान आतंकियों ने जलालाबाद में विरोध जताती भीड़ पर गोलियां बरसाकर तीन लोगों की हत्या कर दी। काबुल में एयरपोर्ट पर जा रही महिलाओं और बच्चों से मारपीट की गई और हवाई फायरिंग की गई।

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पश्चिमी अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में सैकड़ों लोगों की भीड़ ने तालिबान शासन का विरोध किया। काबुल से करीब 150 किलोमीटर दूर स्थित जलालाबाद शहर में भीड़ ने एक चौराहे पर लगा तालिबान का झंडा उखाड़कर फेंक दिया। यह झंडा तालिबान आतंकियों की तरफ से इलाके पर अपना कब्जा दिखाने के लिए लगाया गया था। भीड़ ने चौराहे पर अफगानिस्तान का झंडा फहराने की कोशिश की।

 

 

इस पर तालिबान आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। एक पूर्व पुलिस अधिकारी के मुताबिक, फायरिंग में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। अधिकारी के मुताबिक, भीड़ 19 अगस्त को मनाए जाने वाले अफगान स्वतंत्रता दिवस के चलते राष्ट्रीय झंडा फहराना चाहती थी। अफगानिस्तान को 1919 में 19 अगस्त को ही ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी।

 

स्थानीय न्यूज एजेंसी पजह्वॉक के रिपोर्टर बाबरक अमीरजादम ने दावा किया कि रैली और फायरिंग को कवर करने पर तालिबान आतंकियों ने उनके व अरियाना न्यूज चैनल के रिपोर्टर के साथ भी मारपीट की। तालिबान आतंकियों के हवा में फायरिंग करने का एक वीडियो भी सामने आया है। हालांकि तालिबान प्रवक्ता ने इस घटना को लेकर कुछ नहीं कहा।

 

काबुल में एयरपोर्ट के बाहर बुधवार सुबह ही जुट गई हजारों लोगों की भीड़ पर भी तालिबान आतंकियों ने फायरिंग की और उनके साथ डंडों से मारपीट की। लॉस एंजेलिस टाइम्स के एक फोटो पत्रकार मार्कस याम ने तालिबान की इस कार्रवाई में घायल हुए दर्जनों अफगान पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की तस्वीरें जारी की हैं। याम ने ट्वीट में कहा, मैं एयरपोर्ट रोड पर ही था। कम से कम आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं, जिनमें एक महिला और उसका बच्चा भी है।

 

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, तालिबान आतंकी एयरपोर्ट पहुंचने वाले हर आदमी के कागजात देख रहे थे और बहुत कम लोगों को आगे जाने दे रहे थे। इस दौरान बहुत सारे लोगों के पास पासपोर्ट नहीं थे, लेकिन गेट खुलने पर भीड़ जबरन अंदर घुसने की कोशिश कर रही थी। इसके चलते तालिबान आतंकी उन्हें तितर-बितर करने के लिए बार-बार फायरिंग और लाठी-डंडों से मारपीट कर रहे थे। हालांकि नाटो अधिकारियों ने एयरपोर्ट के बाहर तालिबान के फायरिंग करने से इनकार किया, लेकिन एयरपोर्ट गेट पर भगदड़ में कई लोगों के घायल होने की पुष्टि की है।

 

तालिबान ने देश की पहली महिला गवर्नर रह चुकी सलीमा मजारी को चारकिंट जिले से गिरफ्तार कर लिया है। बल्ख प्रांत की गवर्नर रहीं सलीमा करीब 600 लड़ाकों की फौज बनाकर तालिबान से संघर्ष कर रही थीं।

 

उधर, तालिबान ने बामियान प्रांत में शिया हजारा समुदाय के नेता अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा को बमों से उड़ा दिया है। मजारी की 1996 में तालिबान आतंकियों ने ही खौफनाक ढंग से हत्या करने के बाद उनका शव गजनी में हेलिकॉप्टर से नीचे फेंक दिया था। बता दें कि बामियान वही जगह है, जहां 2001 में तत्कालीन तालिबान नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के आदेश पर भगवान बुद्ध की सैकड़ों साल पुरानी मूर्तियों को तोप से उड़ा दिया गया था।

महिला टीवी एंकरों पर लगाई रोक

एक दिन पहले महिला टीवी एंकर को इंटरव्यू देने वाले तालिबान नेताओं ने बुधवार को उन पर भी प्रतिबंध लगा दिया। इंटरव्यू लेने वाली सरकारी न्यूज चैनल की एंकर खदीजा अमीन को नौकरी से हटा दिया गया है। तालिबान ने कहा है कि देश में अब पुरुष एंकर ही समाचार पढ़ेंगे।

 

पंजशेर अब भी कब्जे से बाहर

तालिबान के खिलाफ लड़ने वाले उत्तरी गठबंधन के लड़ाकों का मजबूत गढ़ कही जाने वाली पंजशेर घाटी अब भी आजाद है। वहां से सामने आए वीडियो में उत्तरी गठबंधन के लड़ाकों की फौज तालिबान के खिलाफ जमा होती दिखाई गई है। काबुल के उत्तर में स्थित पंजशेर घाटी में ही खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्लाह सालेह, रक्षा मंत्री जनरल बिस्मिल्लाह मोहम्मदी, उत्तरी गठबंधन के दिवंगत नेता अहमदशाह मसूद के बेटे अहमद मसूद भी मौजूद हैं।

 

तालिबान से मिले पूर्व राष्ट्रपति करजई

तालिबान ने सभी पक्षों को शामिल कर इस्लामी सरकार के गठन का प्रयास शुरू कर दिया है। इसके लिए तालिबान के शक्तिशाली हक्कानी गुट के वरिष्ठ नेता अनस हक्कानी ने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अफगानिस्तान सरकार में शीर्ष अधिकारी रहे अब्दुल्ला अब्दुल्लाह से प्राथमिक मुलाकात की है। करजई के प्रवक्ता मोहम्मद युसूफ साहा ने बताया कि इस बैठक में तालिबान के शीर्ष राजनीतिक प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के साथ होने वाली निर्णायक बातचीत के मुद्दों को लेकर चर्चा की गई है।

 

20 साल बाद काबुल पहुंचा मुल्ला बरादर

तालिबान का राजनीतिक प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर 20 साल बाद एक बार फिर बुधवार को काबुल पहुंच गया। अब तक कतर के दोहा में तालिबान की तरफ से अन्य देशों के साथ वार्ता की कमान संभाल रहे बरादर का काबुल एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। माना जा रहा है कि 1990 के दशक में अपने बहनोई मुल्ला उमर के साथ मिलकर तालिबान का गठन करने वाला बरादर ही अब राष्ट्रपति पद संभालेगा। दक्षिण अफगानिस्तान के उरुजगान प्रांत के प्रभावशाली पख्तून समुदाय से संबंध रखने वाला मुल्ला बरादर 2001 में तालिबान सरकार हटने के समय उप रक्षामंत्री था।

 

तालिबान ने दिया अमेरिका को 11 सितंबर तक का अल्टीमेटम

तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर नियंत्रण बनाते ही अमेरिका को हड़काना शुरू कर दिया है। तालिबान ने बुधवार को अमेरिका को सीधे तौर पर 11 सितंबर तक अफगानिस्तान छोड़ देने का अल्टीमेटम दिया है। हालांकि इस अल्टीमेटम पर अब तक अमेरिका की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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