कमलकान्त उपमन्यु मथुरा बार से तीसरी बार निष्कासित, मथुरा बार पर द्वेष भावना से प्रेरित होकर कार्रवाही का आरोप
मथुरा। बार एसोसिएशन मथुरा द्वारा पत्रकार एवं अधिवक्ता कमलकांत उपमन्यु को बार से निष्कासित कर दिया गया है। कमलकांत उपमन्यु को इससे पूर्व भी दो बार मथुरा बार एसोसिएशन द्वारा निष्कासित किया जा चुका है। अधिवक्ताओं सहित पूरे जनपद में इस बात की चर्चा है।
बार एसोसिएशन मथुरा द्वारा अधिवक्ता कमलकांत उपमन्यु की बार की सदस्यता पर सवाल उठाते हुए 14 जुलाई को नोटिस दिया गया था। जिसमें कहा गया था कि आप वकालत के साथ-साथ पत्रकारिता भी करते हैं जो कि बार काउंसिल ऑफ उप्र के नियमों के खिलाफ है। अतः क्यों न आपको बार से निष्कासित कर दिया जाए। इस नोटिस का जवाब 15 जुलाई गुरूवार तक मांगा गया था।
नोटिस के जबाब में कमलकान्त उपमन्यु द्वारा बार पर द्वेष भावना से प्रेरित होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे अलावा एक दर्जन से अधिक पत्रकार पत्रकारिता के साथ साथ अधिवक्ता भी है जिनकी बदौलत ही सुशील शर्मा अध्यक्ष बनें है। क्या उन्हें भी नोटिस दिया गया है? इसके अलावा हाई कोर्ट व सुप्रीमकोर्ट में भी अधिवक्ता सैकड़ों की संख्या में पत्रकार के रूप में भी कार्य कर रहे हैं।
नोटिस के जवाब से संतुष्ट न होते हुए बार एसोसिएशन मथुरा के सचिव सुनील चतुर्वेदी द्वारा शुक्रवार 16 जुलाई को कमलकांत उपमन्यु को निष्कासित कर दिया गया।
बार एसोसिएशन के सचिव सुनील चतुर्वेदी द्वारा कमलकांत उपमन्यु को जारी किए गए निष्कासन पत्र में कहा गया है कि आपके जवाब से ऐसा प्रतीत होता है कि आपको बार एसोसिएशन मथुरा की गरिमा एवं सम्मान की कोई चिंता नहीं है। आपके द्वारा इससे पूर्व भी बार एसोसिएशन मथुरा के पदाधिकारियों से अभद्रता की जा चुकी है। अब भी आप कचहरी में जगह-जगह बार एसोसिएशन और पदाधिकारियों के खिलाफ अनर्गल बातें करते हुए गाली गलौज कर रहे हैं। जो कि अशोभनीय है। आपने अपने जवाब में यह भी कहा है कि बार के विरूद्ध जो भी खबरें होंगी मैं उनको इसी तरफ छापता रहूंगा। इसके लिए आप चाहें तो मुझे निष्कासित कर सकते हैं। जब आपके द्वारा अपने रवैये को सुधारने की कोई बात जवाब में नहीं कही गई है और न ही खेद व्यक्त किया गया है। तो आपने अपने आपको बार एसोसिएशन मथुरा से ऊपर मान लिया है। इससे पूर्व भी आपको 2 बार एसोसिएशन मथुरा की गरिमा के खिलाफ काम करने के कारण निष्कासित किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में आपके जवाब के अवलोकन के उपरांत बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के आदेश के अनुसार बार एसोसिएशन मथुरा से आपकी सदस्यता समाप्त करते हुए अग्रिम कार्यवाही करते हुए बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश हेतु पत्र प्रेषित किया जा रहा है।
बार एसोसिएशन के तानाशाही रवैये की चारों और आलोचना हो रही है।
नाम न छापने की शर्त पर एक अधिवक्ता ने बताया कि इस बार मथुरा बार अनैतिक के साथ तानाशाही रवैये से काम कर रही है। एक साल का कार्यकाल पूरा हो जाने के बाबजूद भी चुनाव टालना, विद्वेष की भावना से काम करने के आरोप कई बार लग चुके है। अधिवक्ताओं द्वारा आंदोलन करने पर ये चुनाव कराने के लिये तैयार हुए है।
अधिवक्ताओं के साथ साथ राजनेतिक गलियारों में इस बात की खासी चर्चा है।
सबके अपने अपने तर्क है, सबकी अपनी अपनी बात।
बार की इस रार के किस्से आम लोगों में चटकारे लेकर सुनाए जा रहे है।
इस बात की भी खासी चर्चा है कि कमलकान्त उपमन्यु से विजय पाल तोमर खेमा पहले से ही नाराज था अब सुशील खेमा से भी तनातनी हो गयी है। आगे की कार्रवाही का सभी को बेशब्री से इंतजार है कि आखिर अब आगे क्या होगा?