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चीनी मिल घोटाला:- ईडी ने बसपा नेता की 1097 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की

चीनी मिल घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बसपा के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल द्वारा 2010-11 में खरीदी गई सात चीनी मिलों को प्रवर्तन निदेशालय ने अटैच कर लिया है। इन चीनी मिलों की कीमत 1097.18 करोड़ रुपये आंकी है उसे इकबाल ने अपनी शेल कंपनियों केनाम पर महज 60.28 करेाड़ रुपये में खरीदा था।

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प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने बताया कि मोहम्मद इकबाल के स्वामित्व वाली सात चीनी मिलों को अटैच किया गया है। इसकी कीमत 1097 करोड़, 18 लाख 10250 रुपये है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत की गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने दो साल पहले इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। प्रवर्तन निदेशालय के अलावा केंद्रीय एजेंसी सीरियस फ्राड इंवेस्टीगेशन आफिस की जांच में भी अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने की पुष्टि हुई है। आरोप है कि शेल कंपनियों नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड और ग्रिआशो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए यह चीनी मिलें खरीदी गई थीं।

 

 

प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक इकबाल ने ग्रिआशो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और नम्रता प्राइवेट लिमिटेड ने सात ऐसी कंपनियों को खरीदा जो 2011 में ही रजिस्टर हुई थीं। यह कंपनियां थी एब्लेज चीनी मिल्स प्राइवेट लिमिटेड, आदर्श शुगर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, एजिल शुगर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ईकोन शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड, मैजेस्टी शुगर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मास्टिफ़  शुगर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और ओकरा शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

कौड़ियों के भाव खरीदी गई थीं यह चीनी मिलें

इकबाल ने अपने सहयोगियों और परिवार के लोगों की मदद से शेल कंपनियों के नाम पर जिन चीनी मिलों को कौड़ियों के भाव में खरीदा था। जिन चीनी मिलों की कीमत प्रवर्तन निदेशालय ने 1097 करोड़ रुपये से अधिक आंकी है उसे इकबाल की कंपनियों ने महज 60.28 करोड़ रुपये में खरीदा था। जिन चीनी मिलों को खरीदा गया था उसमें कुशीनगर की लक्ष्मीगंज शुगर यूनिट, रामकोला यूनिट और छितौनी युनिट, बरेली यूनिट, देवरिया यूनिट, हरदोई यूनिट और बाराबंकी यूनिट शामिल थी।

 

पूर्व में प्रवर्तन निदेशालय ने मारे थे छापे

दो साल पहले इस मामले में जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मोहम्मद इकबाल के सहारनपुर और दिल्ली आवास पर छापे मारे थे। जिसमें काफी दस्तावेज बरामद किए गए थे। जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को पता चला था कि मोहम्मद इकबाल ने नियमों को दरकिनार कर चीनी मिलों की बिड में हिस्सा लिया और शर्तों को पूरा किए बिना ही चीनी मिलें अपनी कंपनी के नाम करा ली।

 

सीबीआई भी कर रही है जांच

कौड़ियों के भाव में खरीदी गई चीनी मिलों की जांच सीबीआई भी कर रही है। जो चीनी मिलें मोहम्मद इकबाल ने खरीदी थीं उसके बारे में लेखा परीक्षा रिपोर्ट में भी प्रशासनिक और वित्तीय विसंगतियों के बारे में टिप्पणी की गई थी। जो चीनी मिलें मोहम्मद इकबाल की शेल कंपनियों ने खरीदी थीं उसमें बरेली, कुशीनगर, हरदोई, देवरिया और बाराबंकी की चीनी मिलें शामिल थीं।

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