मथुरा में महिला बिजली अधिकारी पकड़ी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार।

मथुरा। आगरा की एंटी करप्शन टीम ने बुधवार शाम को विद्युत सुरक्षा अधिकारी को विद्युत ठेकेदार से 35 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। ठेकेदार की तहरीर पर विद्युत सुरक्षा अधिकारी के खिलाफ हाईवे थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है।
सदर थाना क्षेत्र के औरंगाबाद निवासी अरुण प्रताप ने बताया कि वह विद्युत विभाग में ठेकेदारी करते हैं। काम बढ़ाने के लिए (ए) श्रेणी के लाइसेंस की आवश्यकता थी। इसके लिए उन्होंने सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा के यहां 1 सितंबर 2024 को आवेदन किया। प्रार्थना पत्र की जांच विद्युत सुरक्षा अधिकारी संध्या सोनकर को करनी थी। 4 सितंबर को वह उनसे मिले और प्रार्थना पत्र रिपोर्ट लगाने का आग्रह किया।
आरोप है कि उन्होंने निरीक्षण रिपोर्ट लगाने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की। उन्होंने इतनी बड़ी धनराशि देने से मना किया तो उन्होंने 35 हजार रुपये में मामला निपटाने की बात कही। आरोप है कि संध्या सोनकर ने 16 से 18 सितंबर तक रिश्वत देने का समय दिया। इस पर 14 सितंबर को आगरा जाकर एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। 15 सितंबर को टीम ने मामले की गोपनीय जांच की तो शिकायत सही मिली।
लखनऊ कार्यालय से अनुमति मिलने पर एंटी करप्शन टीम प्रभारी निरीक्षक संजय राय के नेतृत्व में निरीक्षक कल्पना गौतम, संजय कुमार यादव समेत 11 सदस्यीय टीम मथुरा पहुंची। यहां शिकायतकर्ता को 35 हजार रुपये दिए। शिकायतकर्ता ने बुधवार को संध्या सोनकर को रकम देने के लिए कहा तो उन्होंने गोकुल स्थित रसखान समाधि स्थल पर बुलाया।
यहां से वह पीड़ित को लेकर असिस्टेंट डायरेक्टर के कक्ष में पहुंचीं और नकदी को टेबल की दराज में रख दिया। यहां से टीम ने रंगेहाथों पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह लखनऊ के तकिया चंद अली शाह की रहने वाली है और वर्तमान में डैंपियर नगर में रहतीं हैं। अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होती देख मौके पर लोगों की भीड़ लग गई।
500-500 के थे 70 नोट, डीएम कार्यालय से गवाही के लिए लिया स्टाफ
विजिलेंस टीम ने पीड़ित को जो नकदी दी थी उसमें 500-500 के 70 नोट थे। सभी नोट के नंबर टीम ने लिख लिए थे और उन पर केमिकल लगा दिया। विद्युत सुरक्षा अधिकारी से बरामद नोटों का मिलान टीम ने कराया। इससे पहले गवाह के रूप में जिलाधिकारी कार्यालय से पेशकार ह्रदेश कुमार और दीपू को गवाह के रूप में टीम में शामिल किया। पूरी कार्रवाई गवाहों के समक्ष हुई ताकि रिश्वत लेने वाली महिला अधिकारी किसी भी कीमत पर बचकर न निकल सके।