कर्नाटक में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 10वीं कक्षा के 17 वर्षीय छात्र चेतन की स्कूल में अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि टीचर की लापरवाही के कारण यह tragik घटना घटी। स्कूल में जब चेतन की हालत बिगड़ी, तो टीचर ने न तो माता-पिता को फोन किया और न ही उसे तुरंत अस्पताल भेजा। इसके परिणामस्वरूप, समय पर चिकित्सा सहायता न मिलने के कारण चेतन की जान चली गई।
इस घटना ने उसके परिवार को बुरी तरह प्रभावित किया है। चेतन के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है, और उन्हें अपने बेटे के चले जाने का गहरा दुख है। इस मामले ने स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है। स्थानीय लोगों और छात्रों में भी इस घटना को लेकर काफी रोष व्याप्त है, और वे न्याय की मांग कर रहे हैं।
टीचर ने लगाई फटकार
यह दुखद घटना कर्नाटक के यादगीर जिले के शाहपुर स्थित एक प्राइवेट स्कूल में हुई। 10वीं कक्षा के छात्र चेतन की तबीयत अचानक खराब हो गई। जब चेतन ने अपने क्लास टीचर से घर जाने की गुजारिश की, तो टीचर ने उसे डांटकर उसकी जगह पर बैठने के लिए कह दिया। चेतन की बिगड़ती हालत को देखकर उसकी बहन ने माता-पिता को फोन करने की सलाह दी, लेकिन टीचर ने उसकी बात भी नजरअंदाज कर दी। कुछ ही देर बाद, चेतन की स्थिति बिगड़ गई और उसके दोस्तों ने उसे तुरंत अस्पताल ले जाने की कोशिश की, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह घटना न केवल चेतन के परिवार के लिए, बल्कि पूरे स्कूल के लिए एक बड़ा सदमा है।
मां-बाप ने शिक्षक पर लगाए आरोप
चेतन की खराब होती हालत देखकर उसकी बहन ने एक बार फिर टीचर से आग्रह किया कि माता-पिता को फोन करने दिया जाए, लेकिन टीचर ने उसे भी फटकार लगा दी। क्लास में बैठे चेतन का दर्द इस कदर बढ़ गया कि अंततः उसकी मौत हो गई। जब माता-पिता को इस घटना की जानकारी मिली, तो वे बिलख पड़े। उन्होंने बेटे की मौत का जिम्मेदार टीचर की लापरवाही ठहराया और कहा कि यदि टीचर ने समय पर उचित कदम उठाए होते, तो चेतन की जान बचाई जा सकती थी। माता-पिता ने मांग की है कि टीचर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस बीच, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।