बेटी से दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता को आजीवन कारावास, पीड़िता के बयान पर कोर्ट ने सुनाया फैसला

आगरा के स्पेशल जज (पॉक्सो एक्ट) प्रमेंद्र कुमार ने 11 साल की बेटी से दुष्कर्म के आरोपी सौतेले पिता को साक्ष्य के आधार पर दोषी पाया है। अदालत ने सोमवार को उसे आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि पीड़िता को देने के आदेश किए हैं।
इस मामले में पीड़िता की मां ने 20 मई 2017 को मुकदमा दर्ज कराया था। कहा था कि पहले पति की मौत हो गई थी। उससे उसकी एक बेटी है। वह 11 साल की थी। पति की मौत के बाद अभियुक्त से शादी कर ली। 15 मई 2017 को वह जयपुर गई थीं।
घर में अकेली थी बेटी
बेटी घर में अकेली थी। इसका फायदा उठाकर 17 मई 2017 की रात को पति ने बेटी के साथ दुष्कर्म किया। इससे बेटी की हालत बिगड़ गई। यह देखकर वो उसे बहन के घर फिरोजाबाद छोड़ आया। इस पर घटना की जानकारी हुई। तब उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया।
विशेष लोक अभियोजक विमलेश आनंद ने पीड़िता सहित पांच गवाह और सुबूत पेश किए। अभियुक्त के अपराध को गंभीर, शर्मनाक और समाज के लिए कलंक बताते हुए कठोर से कठोर सजा की दलील दी। कोर्ट ने दोषी सौतेले पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
पीड़िता ने दिया बयान, गन्ने के रस में नशे का पदार्थ मिलाकर पिलाया था
केस में पीड़िता की मां वादी थीं। इसके बावजूद उन्होंने बयान दिया कि पति ने बेटी से दुष्कर्म नहीं किया। कुछ लोगों के कहने पर पति का नाम लिखा दिया था। मगर, पीड़िता ने कोर्ट में बयान दिया कि सौतेला पिता गन्ने का रस लेकर आया था। उसमें नशे का पदार्थ मिला हुआ था।
रस उसे पिला दिया, जिससे उसे नशा हो गया। इसके बाद सौतेले पिता ने हाथ-पैर चारपाई से बांध दिए और दुष्कर्म किया। शोर मचाने पर मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। होश में आने पर किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी।