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आशीष मिश्रा पर हत्या का केस: 2017 में भाजपा ने नहीं दिया था टिकट, पिता के मंत्री बनते ही बढ़ता गया रसूख

लखीमपुर खीरी में रविवार को किसान आंदोलन के दौरान 9 लोगों की मौत के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष उर्फ मोनू पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। केंद्रीय मंत्री अजय के सबसे छोटे बेटे आशीष पर किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप पर है। जानकारों का कहना है कि आशीष शुरू से ही पिता से राजनीति का ककहरा सीखने लगे थे। वे लखीमपुर में पिता का व्यापार संभालते हैं। घर के पेट्रोल पंप और राइस मिल की देखरेख भी करते हैं।

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2017 में की थी विधानसभा के लिए दावेदारी
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में जीते अजय मिश्र पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भरोसा जताते हुए उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव का टिकट लखीमपुर से दे दिया था, जहां से उन्होंने जीत दर्ज की। इस बीच 2012 में विधानसभा और 2014 में लोकसभा चुनाव में पिता के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी देख चुके आशीष परिपक्व हो चुके थे। इसके बाद 2017 विधानसभा चुनावों में अजय मिश्र ने बेटे के लिए टिकट मांगा, लेकिन बात बन नहीं पाई। हालांकि, इसके बावजूद वे निघासन क्षेत्र में सक्रिय रहे।
2022 विधानसभा के लिए थे संभावित उम्मीदवार
साल 2017 में आशीष को टिकट नहीं मिल पाया, लेकिन साल 2019 में अजय मिश्र टेनी को एक बार फिर लोकसभा का टिकट मिल गया। उन्होंने फिर जोरदार जीत दर्ज की। जुलाई में उन पर भाजपा ने भरोसा जताते हुए उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर गृह राज्यमंत्री बना दिया। केंद्रीय नेतृत्व के मध्य यूपी में एक अदद ब्राह्मण चेहरे की जरूरत थी, जिसके लिए अजय मुफीद थे। अजय के मंत्री बनने के साथ ही 2022 चुनाव में उनके बेटे आशीष के निघासन विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार बनने की संभावना फिर बढ़ गई थी।

2012 से राजनीति में सक्रिय हुए थे केंद्रीय मंत्री
जिला पंचायत सदस्य से राजनीति की शुरुआत करने वाले अजय मिश्र टेनी को 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने निघासन सीट से टिकट दे दिया। उनके चुनाव प्रचार की कमान आशीष ने ही संभाली थी। तब सपा की आंधी के बीच भी निघासन में कमल खिला था और अजय मिश्र ने जोरदार जीत दर्ज की थी। इसके बाद आशीष की सक्रियता भी बढ़ गई थी।

बेटे पर आरोपों पर क्या बोले पिता अजय मिश्र
लखीमपुर में किसान आंदोलन के दौरान हिंसा के बाद अजय मिश्र टेनी ने अपने लखीमपुर स्थित आवास पर पहुंच कर कहा कि कुछ लोग मेरे बेटे पर आरोप लगा रहे हैं। जबकि न तो मैं और न ही मेरा बेटा वहां था। आशीष एक दंगल कार्यक्रम में था। उस कार्यक्रम में प्रशासनिक अफसर भी रहते हैं। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी होती है।

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