पूर्व विधायक सहित नौ दोषियों को सात साल का कारावास, दस वर्ष पहले हवालात में युवक पर किया था जानलेवा हमला

दस साल पूर्व ढोलना थाने के हवालात में बंद युवक के साथ मारपीट एवं जानलेवा हमले के दोषी पूर्व विधायक सहित नौ समर्थकों को सात साल के सश्रम कारावास की सजा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गगन कुमार भारती ने सुनाई है। इस दौरान पूर्व विधायक के परिवार के लोग और समर्थक भी मौजूद रहे।
मामला 22 मई 2011 का है। गांव गढ़ी निवासी शमीम ने गांव के ही शमशाद पुत्र अब्दुल गफ्फार के खिलाफ थाने में 25 मई को एक मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने शमशाद को हवालात में बंद किया था। आरोप है कि उस समय विधायक रहे हसरत उल्ला खां शेरवानी, उनके भांजे बजाहत शेरवानी व उनके समर्थक अशरफ, शमीम, युसूफ, दिलशाद, हबीब, शकरुद्दीन, उमर व समर थाने में पहुंच गए। हवालात में बंद शमशाद को हवालात के गेट पर बुलाया। हाथ पैर पकड़कर रायफल की बटों से प्रहार करते हुए जान से मारने की कोशिश की। पुलिस ने घटनाक्रम का जीडी में तस्करा डाला। इसमें सभी आरोपियों के नाम दर्ज किए गए। इस घटनाक्रम में कोई प्राथमिकी विधायक के दबाव के चलते दर्ज नहीं हो सकी थी। घटना के एक साल तीन माह आठ दिन बाद 14 सितंबर 2012 को प्राथमिकी दर्ज हुई।
पुलिस ने इस मामले की विवेचना करते हुए आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया, लेकिन बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया। न्यायालय ने समझौते को सही नहीं माना। घटना के संबंध में उस समय मौजूद रहे पुलिसकर्मियों ने घटना के संबंध में अपने बयान दर्ज कराए।
इस मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपनी दलिलें दीं। वहीं अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार यादव ने अपराध को गंभीर श्रेणी का बताया। उन्होंने अधिकतम सजा की पैरवी की। न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई। जानलेवा हमले की धारा में अधिकतम सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही विभिन्न धाराओं में 9-9 हजार रुपये का अर्थदंड आरोपित किया।