मुश्किल में ममता :- 90 दिन में विधायक नहीं चुनी गईं तो छोड़नी होगी सीएम की कुर्सी, चुनाव आयोग से लगाई गुहार।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के सामने मुश्किल पैदा हो सकती है। यदि वह अगले 90 दिन में विधायक नहीं चुनी गईं तो उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़ना पड़ सकती है। वह बगैर विधायक बने छह माह तक पद पर रह सकती हैं। उनको तीन माह हो चुके हैं।
इस परेशानी को देखते हुए तृणमूल के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को कोलकाता में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब से मुलाकात कर जल्दी उपचुनाव कराने की गुहार लगाई। राज्य में सात सीटों पर चुनाव होना हैं। ममता बनर्जी को पांच नवंबर तक विधायक निर्वाचित होना जरूरी है। टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने बताया कि सीईओ आफताब से आग्रह किया गया कि वे जल्द से जल्द चुनाव की तारीख तय करें, ताकि लंबित चुनाव कराए जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में इसलिए अभी चुनाव कराना उपयुक्त होगा।
चटर्जी ने बताया कि राज्य में दो सीटों के लिए चुनाव होना हैं और पांच विधानसभा सीटों के लिए जल्द से जल्द उपचुनाव होना हैं। पार्थ चटर्जी ने कहा कि मुख्य निवार्चन अधिकारी ने उन्हें भरोसा दिया है कि इसको लेकर काम जारी है। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार बनर्जी को शपथ लेने के छह माह में विधानसभा का सदस्य चुना जाना जरूरी है।
मुलाकात के बाद टीएमसी नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया खत्म हुए करीब तीन महीने बीत चुके हैं। हमने सीईओ से जानना चाहा कि लंबित चुनाव और उपचुनाव के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में चटर्जी के अलावा सुब्रत मुखर्जी, चंद्रिमा भट्टाचार्य और शशि पांजा शामिल थे।
बता दें, अप्रैल मई में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़ी थीं। वहां भाजपा के सुवेंदु अधिकारी ने कड़े मुकाबले में उन्हें परास्त कर दिया था। अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर कोलकाता की अपनी परंपरागत भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। इसे टीएमसी उम्मीदवार सोभनदेब चट्टोपाध्याय ने जीत मिलने के बाद खाली कर दिया है।