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नयति हॉस्पिटल पर लगा ताला, बिजली विभाग का बकाया होने के कारण कटी बिजली, जनपद में चर्चाओं का बाजार गर्म

महंगी व अव्यवस्थाओं के लिये मशहूर नयति हॉस्पिटल पर ताला लग गया है। अब अस्पताल में न नए मरीज देखे जा रहे हैं और न मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। अब तक उपचाराधीन मरीजों की छुट्टी कर दी गयी है।

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नयति हॉस्पिटल के बन्द होने की चारों और चर्चा है।

बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चर्चित अस्पताल नयति मेडिसिटी की बिजली करोड़ों के बकाए के चलते विद्युत विभाग द्वारा काट दी गई है। स्टाफ को बीते 7-8 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते अस्पताल को बंद कर दिया गया है। वहीं अस्पताल प्रबंधन के अनुसार नयति हॉस्पिटल में फिलहाल मरम्मत का कार्य चल रहा है। जिसके चलते अस्पताल को 3 माह के लिए बंद कर दिया गया है।

 

राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित नयति हॉस्पिटल विगत काफी समय से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चर्चित रहा है। अस्पताल पर कई बार खराब स्वास्थ्य सुविधाएं देने और मनमाने तरीके से उसका शुल्क वसूलने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन प्रशासन के साथ सांठगांठ होने के चलते शिकायतकर्ता पर दबाव डालकर शिकायतों को दबा दिया जाता रहा है। कोरोना काल में भी कोविड मरीजों के परिजनों से लाखों रूपए वसूलने के बाद भी उन्हें अच्छी सुविधाएं नहीं दी गईं। पैकेज के नाम पर कई दिनों का एडवांस लेने के बाद मरीज की मृत्यु होने की दशा में उनकी जमा रकम भी वापस नहीं की गईं। इसकी भी काफी शिकायतें हुई लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा।

 

नयति अस्पताल एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार चर्चा का कारण है कि अस्पताल के ऊपर विद्युत विभाग का करीब 1.33 करोड़ रूपए का विद्युत बिल बकाया है। इसके चलते अस्पताल की बिजली काट दी गई है। 10 अगस्त को विद्युत आपूर्ति काट दी गई है और समाचार लिखे जाने तक इसे जोड़ा नहीं जा सका था। सूत्रों की मानें तो विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण अस्पताल में मरीजों को भी भर्ती नहीं किया जा रहा है।

 

इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन पर अब चिकित्सकीय स्टाफ को बीते कई माह से वेतन न दिए जाने के भी आरोप लग रहे हैं। एक स्टाफ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विगत 7 से 8 माह वेतन नहीं दिया जा रहा है। इससे उनके समक्ष परिवार को चलाने की समस्या खड़ी हो गई है। इतने माह से यही सोचकर लगातार ड्यूटी कर रहे थे कि अभी कोरोना काल के चलते वेतन नहीं मिल रहा है। शीघ्र ही मिलने लगेगा लेकिन अभी भी यही स्थिति है। इससे उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। वहीं वहीं अस्पताल प्रबंधन का इस पूरे मामले पर कुछ और ही कहना है। उनका कहना है कि अस्पताल को 3 माह के लिए बंद कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि अस्पताल में मरम्मत आदि का काम चल रहा है। जिसके चलते अस्पताल को बंद कर दिया गया है।

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