पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। भाजपा पश्चिमी क्षेत्र के तीन बार अध्यक्ष और दो बार एमएलसी रहे डॉ. राजकुमार त्यागी ने भाजपा छोड़कर राष्ट्रीय लोक दल का दामन थाम लिया। उन्हें दिल्ली में जयंत चौधरी ने रालोद की सदस्यता ग्रहण कराई।
डॉ. त्यागी ने रालोद की सदस्यता ग्रहण करते हुए कहा कि मैं भाजपा के किसान विरोधी रुख से आहत हूं। अब अटल, आडवाणी, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह के दौर की भाजपा नही रही। भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो गया है। भाजपा सरकार की नीतियां अब बड़े पूंजीपति तय कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले सहारनपुर से कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद के भाई नोमान मसूद भी रालोद का दामन थामा था। उन्होंने दिल्ली में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी से मुलाकात कर पार्टी की सदस्यता ली।
बता दें कि 2019 में नोमान मसूद ने गंगोह विधानसभा सीट से उपचुनाव और उससे पहले 2017 में भी गंगोह से ही विधानसभा क डॉ राजकुमार त्यागी के भाजपा छोड़कर रालोद में शामिल होने के बाद सियासी गलियारों में चुनावी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
सियासी गलियारे में चर्चा है कि सहारनुर के काजी परिवार से इमरान मसूद और नोमान मसूद की अलग हुई राजनीतिक राहें आने वाले विधानसभा चुनाव में अलग समीकरण तय करेंगी। नोमान मसूद के रालोद में शामिल होने पर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक समीकरण भी प्रभावित होंगे। क्योंकि रालोद और सपा का गठबंधन है।
जिले की गंगोह सीट पर सपा का दावा रहता है, तो नोमान को नकुड़ सीट गठबंधन में मिलने की उम्मीद है। अब डॉ राजकुमार त्यागी के रालोद में शामिल होने को लेकर पश्चिमी यूपी के राजनीति में बदलाव को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।