राजनेतिक षड्यंत्र में गिरफ्तार योगेश नौहवार सोमवार को जमानत पर रिहा, कार्यकर्ताओं ने किया जोशीला स्वागत
मथुरा। राजनेतिक षड्यंत्र में गिरफ्तार हुए रालोद नेता योगेश नौहवार आज जमानत पर रिहा हो गए। नौहवार पुलिस पर हमले के आरोप में बीते करीब ढाई माह से जिला कारागार में बंद थें। इलाहाबाद उच्च न्यायालय
जमानत मिलने के बाद आज देर शाम उन्हें जिला जेल से रिहा कर दिया गया। इस दौरान जिला कारागार के बाहर बड़ी संख्या में रालोद के समर्थकों व कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा। रिहाई होने के बाद समर्थकों ने नौहवार का जोशीला स्वागत किया
पंचायत चुनाव के दौरान नौहझील के गांव मुडिलिया में पंचायत सदस्य प्रत्याशी द्वारा समर्थकों को दी जा रही दावत को रोकने पहुंची पुलिस टीम और ग्रामीणों में झड़प हो गई थी। पुलिस का आरोप था कि ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हमला करते हुए मारपीट की गई। इस मामले में नौहझील पुलिस ने मुख्य आरोपी के रूप में जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी सोनू चौधरी एवं रालोद नेता योगेश नौहवार के साथ करीब डेढ़ दर्जन ग्रामीणों को नामजद और करीब 200-250 अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
योगेश नौहवार का कहना था कि घटना के दौरान वे घटना स्थल पर मौजूद भी नही थे उसके बावजूद भी पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया था जो कि एक राजनैतिक षड्यंत्र था। जिला पंचायत की सीटों को जीतने के लिये प्रशासन की यह चाल थी। उनकी गिरफ्तारी भी पुलिस द्वारा षड्यंत्र रच कर की थी।
मुकदमा दर्ज होने के बाद योगेश नौहवार एवं सोनू प्रधान को स्थानीय न्यायालय ने अंतरिम जमानत दे दी थी लेकिन अंतरिम जमानत 21 मई को खारिज कर दी गई। इसके अगले दिन 22 मई को ही नौहझील पुलिस ने रालोद नेता योगेश नौहवार को भरोसे में लेकर उनके राधापुरम स्टेट स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद योगेश नौहवार ने अपनी जमानत के लिए प्रयागराज उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने 4 अगस्त को उनकी जमानत मंजूर कर ली, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों के चलते उनकी रिहाई में देरी हुई। इसके बाद सोमवार 9 अगस्त को वरिष्ठ रालोद नेता योगेश नौहवार की जिला जेल से रिहाई हो गई। रिहाई के समय बड़ी संख्या में उनके समर्थक और रालोद पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता जेल के मुख्य द्वार पर पहुंच गए। रिहाई होने के बाद समर्थकों ने जमकर नारे बाजी करते हुए जोशीला स्वागत किया।