अपराधदुनियाब्रेकिंग न्यूज़मथुरामंदिर के दर्शनराजनीतीवृन्दावन

गोवर्धन मुखारविंद मन्दिर का घोटालेबाज रिसीवर रमाकांत गोस्वामी बर्खास्त, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी, कौशलेंद्र बने अस्थाई रिसीवर

मथुरा। मुकुट मुखारबिंद मंदिर के रिसीवर रमाकांत गोस्वामी की याचिका हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद मंगलवार को मथुरा न्यायालय ने रिसीवर पद से बर्खास्त करते हुए अस्थायी रिसीवर के रूप में पूर्व अभियोजन अधिकारी कौशलेंद्र सिंह को नियुक्त किया है। अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।

trinetra
Sudhir-Shukla-ji-1
pooran-singh
bharat-singh-pradhan
op-shukla
mool-chand-pradhan-ji-scaled
jitendra-sing

मुकुट मुखारबिंद गोवर्धन के रिसीवर रमाकांत गोस्वामी सहित अन्य के खिलाफ एसडीएम एवं डीएम की रिपोर्ट के बाद एसआईटी द्वारा की गई जांच में 11 करोड़ रूपए से अधिक का घोटाला सामने आने पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस एफआईआर को निरस्त कराने के लिए रमाकांत गोस्वामी द्वारा हाईकोर्ट में रिट दायर की गई थी। जिसे विगत दिनों हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया था। रमाकांत के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद रिसीवर पद पर नियुक्ति को प्रतिवादी पक्ष द्वारा मथुरा न्यायालय में चुनौती देते हुए पद से बर्खास्तगी की मांग की गई थी। जिस पर सिविल जज वरिष्ठ खंड ज्योति ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। इसके बाद मंदिर के रिसीवर रमाकांत गोस्वामी एवं रिपोर्ट में नामजद मंदिर के अन्य कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करते हुए नए रिसीवर के रूप में सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक अभियोजन कौशलेंद्र सिंह को नियुक्त किया है।
इसके साथ रमाकांत गोस्वामी को मंदिर के समस्त कागजात, प्रबंध व्यवस्था एवं बैंक खाते आदि नए रिसीवर को सौंपने के आदेश दिए हैं। हालांकि नए रिसीवर की नियुक्ति स्थायी रिसीवर की नियुक्ति न होने तक के लिए की गई है। नए रिसीवर मंदिर से संबंधित कोई ठेका नहीं उठा सकेंगे। साथ ही सिविल जज वरिष्ठ खंड ज्योति ने इस मामले में वादी पक्ष राधारमन, ओमप्रकाश गोकुलिया, अशोक लवानिया आदि को पांच प्रतिष्ठित एवं निष्पक्ष व्यक्तियों के नाम कोर्ट को सौंपने के निर्देश दिए हैं। ताकि इनमें से किसी एक व्यक्ति को मंदिर का रिसीवर बनाया जा सके। अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तारीख निर्धारित की गई है।

मुकुट मुखारबिंद मंदिर में पहली बार वर्ष 1986 में रिसीवर की नियुक्ति की गई थी। जिसे वित्तीय अनियमितताओं के चलते हटा दिया गया था। इसके बाद 15 अक्टूबर 1993 को द्वितीय रिसीवर की नियुक्ति की गई। इस पर भी वित्तीय धांधली के आरोप लगे और इन्हें हटा दिया गया। इसके बाद 7 जुलाई 2010 को रमाकांत गोस्वामी को इस शर्त के साथ अगले 2 माह के लिए रिसीवर बनाया गया कि हर 2 माह पर न्यायालय में मंदिर का लेखा जोखा प्रस्तुत किया जाएगा लेकिन रमाकांत गोस्वामी द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया गया और उन पर 11 करोड़ रूपए से अधिक के घोटाले के आरोप लगे और जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद उनके खिलाफ एफआईआर भी कराई गई। इन आरोपों में 90 लाख रूपए की जमीन एक वर्ष बाद 2 करोड़ 70 लाख रूपए में मंदिर के लिए खरीदने, मंदिर में फूल बंगला सजाने के नाम पर वर्ष 2015-16 में एक करोड़ 40 लाख, वर्ष 2016-17 में 3 करोड़ से अधिक, 2017-18 में 2 करोड़ 24 लाख रूपए से अधिक का खर्च दर्शाने के आरोप शामिल थे। जांच के दौरान एक फूल बंगला की लागत मात्र 3500 रूपए पाई गई।

इसी तरह अन्य कार्यों में भी वित्तीय अनियमितताएं मिली थीं। डीएम के आदेश पर एसडीएम की जांच में उक्त आरोप सही पाए गए थे। इस जांच रिपोर्ट को रमाकांत गोस्वामी द्वारा चुनौती दी गई थी लेकिन इसके बाद भी एसआईटी द्वारा जांच की गई और उसकी जांच में उक्त आरोप सही पाए गए थे। 20 जुलाई 2020 को एसआईटी द्वारा अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी गई थी। शासन के निर्देश के बाद लखनऊ में एसआईटी द्वारा रमाकांत गोस्वामी सहित करीब 1 दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर कराई गई। रमाकांत गोस्वामी ने 13 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस एफआईआर को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा इस याचिका को खारिज कर दिया था।
घोटाले बाज रमाकांत गोस्वामी सहित आधा दर्जन लोगों की जल्द गिरफ्तार होने की संभावना है।

इस संदर्भ में जब रमाकांत गोस्वामी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि न्यायधीश महोदय ने एक पक्षीय कार्रवाही की है। सिर्फ आरोपी पक्ष को ही सुना गया है, और उसी के आधार पर निर्णय सुना दिया गया है।
हमारे पक्ष को सुना ही नही है, कल् उन्हें रिसीवर का चार्ज नए व्यक्ति को देना है।

trinetra
Sudhir-Shukla-ji-1
pooran-singh
bharat-singh-pradhan
op-shukla
mool-chand-pradhan-ji-scaled
jitendra-sing

Related Articles

Back to top button
Close
Close