खतरे के निशान से ऊपर यमुना। वृंदावन में कुंभ मेला क्षेत्र डूबा, कॉलोनियों की और बढ़ने लगा यमुना जल
मथुरा-आगरा समेत प्रदेश के कई जनपदों में नदियां उफान पर हैं। दिल्ली के ओखला बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद मथुरा जिले में यमुना का तो रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। जिले में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। इसके चलते सोमवार को बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में भरने लगा है।
वृंदावन के खादर क्षेत्र में स्थित रशियन बिल्डिंग के आसपास की कालोनियों में पानी भर गया है। देवराहा बाबा घाट, केसी घाट और कुंभ मेला क्षेत्र पूरी तरह डूब गया है। इससे इलाके के लोगों की धड़कनें बढ़ गईं हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने गोकुल बैराज के 14 गेट खोलकर लगभग 42 हजार 295 क्यूसेक पानी आगरा की ओर छोड़ा है। इधर, आगरा में भी यमुना नदी उफान पर बह रही है। बल्केश्वर इलाके के खेतों में बाढ़ का पानी बढ़ गया है।
यमुना का जलस्तर बढ़ने से मथुरा और वृंदावन में सभी घाट डूब गए हैं। यहां यमुना खतरे के निशान के करीब बह रही है। जलस्तर चेतावनी बिंदु 165.20 सेमी से 8 सेमी कम दूर है। बाढ़ के खतरे को भांपते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने गोकुल बैराज के सभी 14 गेट खोल दिए हैं।