पत्रकार विनीत नारायण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले चम्पत राय के भाई संजय बंसल बिजनोर नगीना से चम्पत, मामले के जांच अधिकारी ने दिए हलफनामे में कोर्ट को दी जानकारी। एसपी को 5 अगस्त तक हलफनामा दाखिल करने का आदेश
राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय के भाई संजय बंसल द्वारा बिजनौर ज़िले में गौशाला भूमि क़ब्ज़े के आरोप में उठे विवाद पर पत्रकार विनीत नारायण के ख़िलाफ़ हुई एफ़आईआर में न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने सरकारी वकील को फटकार लगाते हुए नाराज़गी जताई और बिजनौर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को व्यक्तिगत हलफ़नामा दाखिल करने के आदेश दिए। साथ ही यह भी कहा कि सुनवाई की अगली तारीख़, 5 अगस्त 2021 से पहले हलफ़नामा दाखिल न हो पाने की स्थित में एसपी को कोर्ट में खुद हाज़िर होना होगा।
20 जुलाई को इस मामले की सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने प्रतिवादियों को अगले 48 घंटे में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। किंतु आईओ के अलावा किसी ने अपने जवाब दाखिल नहीं किए। इस पर कोर्ट ने सख़्त रुख़ अपनाया और कहा कि हम एसपी बिजनोर को तलब करेंगें। हलफ़नामा प्रस्तुत न कर पाने की स्थिति में एसपी को स्वयं अदालत में उपस्थित होना पड़ेगा।
ग़ौरतलब है कि इस मामले में पत्रकार विनीत नारायण, रजनीश कपूर और आरएसएस की मेरठ प्रांत की गौरक्षा प्रशिक्षण प्रमुख अलका लाहोटी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने वाले, अयोध्या राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के भाई संजय बंसल ने भी अदालत के आदेश के बावजूद कोई हलफ़नामा दाखिल नहीं किया।
आईओ ने अपने हलफ़नामे लिखा है कि शिकायतकर्ता संजय बंसल बार-बार सम्पर्क करने के बावजूद शहर (नगीना) में उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए अभी तक उनका बयान नहीं लिखा जा सका है और जाँच आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस पर माननीय न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने एक मत से सरकारी अधिवक्ता से कहा कि इस मामले में जाँच का कोई औचित्य ही नहीं है, क्योंकि यह एफ़आईआर फ़र्ज़ी है। मामले की सुनवाई अब 5 अगस्त को निश्चित हुई है और तब तक आरोपियों की गिरफ़्तारी पर रोक जारी रहेगी।