राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार, 11 पर लटकी तलवार, सचिन पायलट को मिल सकती है नई जिम्मेदारी

सुनील सिंह सिसोदिया जयपुर. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस में गहमागहमी बढ़ गई है। कारण, अब कसरत मंत्रिमंडल विस्तार के लिए नहीं बल्कि पुनर्गठन के लिए चल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट, दोनों खेमों और आलाकमान के बीच जोर आजमाइश मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने से ज्यादा पुराने चेहरों को हटाने के लिए हो रही है।
सूत्रों के अनुसार पुराने मंत्रियों में से आधों की छुट्टी हो सकती है और जिन्हें हटाया नहीं जाएगा उनके विभाग बदले जा सकते हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन रविवार को कह चुके हैं कि इस पर मंथन पूरा हो चुका है। अंतिम फैसला आलाकमान पर छोड़ा गया है, अब केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुहर लगना बाकी है। ऐसे में अब पुनर्गठन का ऐलान कभी भी हो सकता है। फिर अगस्त में सम्भावित मानसून सत्र में विधानसभा में मंत्रियों के रूप में कई नए चेहरे दिखेंगे।
किस खेमे का किस पर जोर – पायलट खेमा: इस खेमे ने नए मंत्री बनाने के साथ कुछ ऐसे मंत्रियों को हटाने के लिए भी ताल ठोक रखी है, जिन्हें इस खेमे की सिफारिश पर मंत्री बनाया गया था। – गहलोत खेमा: यह खेमा नहीं चाहता कि पायलट खेमे की यह इच्छा पूरी हो। यह खेमा चाहता है कि मंत्रिमंडल में भले ही नए चेहरे शामिल हों लेकिन दूसरे खेमे की जिद पर संबंधित मंत्रियों को नहीं हटाया जाए।
मिशन अगला चुनाव: विभाग भी खूब बदले जाएंगे कांग्रेस आलाकमान मंत्रिमंडल पुनर्गठन, राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन विस्तार की मशक्कत अगले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कर रहा है। सरकार का आधे से ज्यादा कार्यकाल बीत चुका है। ऐसे में जातिगत और राज्य के भौगोलिक समीकरणों को देखते हुए नए लोगों को मौके दिए जाएंगे।
मंत्रिमंडल में ये हो सकते नए चेहरे हेमाराम चौधरी, बृजेन्द्र ओला, मुरारीलाल मीणा, दीपेन्द्र सिंह शेखावत, महेश जोशी, शकुंतला रावत, संयम लोढ़ा, महादेव सिंह खण्डेला, रामकेश मीणा, राजेन्द्र गुढ़ा, विश्वेन्द्र सिंह, भरत सिंह कुंदनपुर, महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, रामलाल जाट, मंजू मेघवाल के अलावा राजेन्द्र विधूड़ी या जितेन्द्र सिंह में से एक और जाहिदा या अमीन खान में से एक को शामिल किया जा सकता है।
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया और परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास पहले पायलट खेमे से मंत्री बने थे। फिर सियासी संग्राम में खेमा बदल लिया। इन तीनों को खतरा माना जा रहा है। भाया पर अवैध खनन को लेकर पार्टी के ही विधायक भरतसिंह कुंदनपुर हमलावर हैं और सीएम को कई पत्र भेज चुके हैं। हालांकि खाचरियावास की कुर्सी को खतरा हुआ तो पार्टी के मुद्दे उठाने में आगे रहने और जातिगत समीकरण के मद्देनजर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।