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ये हैं ‘रत्ती के दाने’ जिनसे कभी सोना, हीरा-जवाहरात मापा जाता था और यहीं से निकला था मुहावरा, ‘रत्ती भर’। जानिये क्या है रत्ती भर

भारतीय घरों में जहां हिंदी बोली जाती है, वहां इस लाइन का बड़ा इस्तेमाल होता है… ‘रत्ती भर’. आपने कई लोगों के मुंह से यह सुना होगा भी होगा या ख़ुद भी बोला होगा. जैसे किसी पर गुस्सा करते हुए हम कह देते हैं, ‘रत्ती सी भी शर्म नहीं आई’. लेकिन, शायद ही हमने इस शब्द, ‘रत्ती’ के मायने ढूंढने की कोशिश की होगी.

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कई लोगों ने अपने आप रत्ती का अर्थ ‘ज़रा’ या ‘थोड़ा’ निकाल लिया होगा. लेकिन, असल में ‘रत्ती’ इससे बिलकुल अलग होती है.

यह हैं रत्ती भर… दाने 


जितनी हैरानी आपको यह तस्वीर देख कर हो रही है, उतनी ही मुझे भी हुई थी, जब मैंने इसे पौधे पर लगे देखा था. रत्ती दरअसल एक पौधा है और रत्ती के दाने लाल-काले रंग के रंग के होते हैं. छूने में किसी बीड या मोती की तरह हार्ड होते हैं और पूरी तरह पकने के बाद पेड़ से झड़ जाते हैं. यह ज़्यादातर पहाड़ी और ऊंचे इलाके पर ही पाए जाते हैं.

रत्ती के पौधे को ‘गूंजा’ कहा जाता है. इसी के अंदर मटर जैसी फली में रत्ती के दाने होते हैं.

सोना मापने के लिए होता था रत्ती का इस्तेमाल 

कुछ दिनों पहले जब मुझे यह दाने दिखे, तो मैंने इनके बारे में जांच-पड़ताल करने की सोची. सामने आया कि पुराने समय में माप का कोई तय पैमाना न होने की वजह से ‘रत्ती’ का इस्तेमाल सोने या बाकी ज़ेवरात का भार मापने के लिए होता था. और वहीं से 7 रत्ती सोना या मोती माप के चलन की शुरुआत हुई. ऐसा सिर्फ़ भारत में नहीं, बल्कि पूरे एशिया महाद्वीप में हो रहा था. और अभी तक रत्ती के वज़न मापन को किसी भी आधुनिक यंत्र से बढ़िया, ज़्यादा विश्वसनीय माना जाता है. इस बात की पुष्टि आपके जानने वाला कोई सुनार-जौहरी भी कर देगा.

 

हमेशा एक सा रहता है इसका भार 

सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि फली की आयु

कितनी भी क्यों ना हो उसके अंदर उपस्थित बीजों का वजन हमेशा एक समान रहता है. एक मिलीग्राम का भी फर्क नहीं होता. ठोस मान्यता है कि इंसान द्वारा बनाई गई मशीन है एक बार ग़लती कर सकती हैं परंतु प्रकृति द्वारा निर्धारित किए गए गुंजा नामक पौधे के बीज ‘रत्ती’ का वज़न कभी परिवर्तित नहीं हो सकता. वज़न मापने की मॉडर्न मशीन के अनुसार, 1 रत्ती लगभग 0.121497 ग्राम की होती है.

आप अगली बार कोई आपसे ‘रत्ती भर’ की बात करे, तो आपको इसका मतलब पता होगा!

यह जानकारी मेरे तो बहुत काम आई. आपको यह कितनी सही लगी, हमें ज़रूर बताएं. अगर आप ऐसी ही मज़ेदार चीज़ों के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो padatal.com को फ़ेसबुक पर लाइक और फ़ॉलो ज़रूर करें.

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