पत्रकार विनीत नारायण के सवाल पर बबाल क्यों? नगीना (बिजनोर) की श्री कृष्ण गौशाला में चम्पत राय पर परिजनों को लाभ पहुचानें के सवाल पर हुआ बबाल।
मथुरा। राम मन्दिर भूमि घोटालें मे नित नये खुलासे हो रहे है। जिसमें ट्स्ट के महासचिव चम्पत राय व ट्रस्टी अनिल मिश्रा पर घोटालों के आरोप लगे है। इसी बीच नगीना की श्रीकृष्ण गोशाला का मामला भी दुबारा से लाईम लाईट में आ गया, जब वरिष्ठ पत्रकार विनित नारायण ने गौशाला की संचालिका अल्का लाहोटी के दर्द को अपनी कलम से लिखकर सोशल मीडीया पर डाला। योद्वा पत्रकार विनीत नारायण ने सोशल मीडीया पर अल्का लाहोटी से फोन पर हुई बातचीत का जिक्र करते हुए बस इतना लिखा कि उन्हे अपनी व अल्का लाहोटी जी की पीडा एक जैसी लगी। इससे नाराज होकर सुनील बंसल निवासी नगीना बिजनोर के द्वारा बिजनोर में दर्ज कराई पत्रकार विनीत नारायण के खिलाफ 18 विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है।
पत्रकार विनीत नारायण से जब इस सन्दर्भ में बात की तो उन्होने बताया कि सनातन हिन्दू धर्म के लिये काम करने के बाबजूद भी हिन्दूवादी सरकार में माफियाओं के विरुद्ध उनकी कोई सुनवायी नही हो रही। भूमाफियाओं, भ्रष्टाचारियों व धर्म विरोधी लोगों को संरक्षण मिलने के कारण हिन्दू धर्म की सेवा करने के बाबजूद भी वे हिन्दूवादी सरकार में पीडित है। दोनो का ही उद्देश्य हिन्दूधर्म की सेवा करना है। लेकिन दोनो ही हिन्दूवादी सरकारों में शोषित व पीडित है। संघ के एक प्रकोष्ठ में प्रदेश स्तर की पदाधिकारी होने के बाबजूद भी अल्का लाहोटी गौशाला की भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिये वर्षों से संघर्ष कर रही हैं। वही ब्रज संजाने का संकल्प लेकर ब्रज व ब्रजवासियों की सेवा करने उतरेे वीनीत नारायण भी हिन्दूवादी सरकार की नीतियों से खासे खफा है। उनकी संस्था द ब्रज फाउंडेशन के द्वारा आओ सजायें कान्हा का ब्रज मुहिम के तहत जय कुण्ड, ब्रह्म कुण्ड संर्कष्ण कुण्ड जैसे दर्जनों कुण्डों का सौंदर्यीकरण काराया। बिना किसी सरकारी सहायता के ब्रज सजाने के काम में लगे रहे। आज सरकार मे बैठे कुछ माफियाओं को विनीत नारायण की निष्काम सेवा रास न आयी ओर लग गये विनीत नारायण के विरोध में। झूठे आरोप लगा कर ब्रज सेवा के काम को रूकवा दिया। पत्रकार विनीत नारायण ने कहा कि लोकतन्त्र में सवाल पूछना गुनाह है क्या? अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के सवाल पर उन्होने कहा कि सुनील बंसल जी ने एफआईआर दर्ज कराकर संघ के विरूद्व कार्य किया है।
सही मायने में वो सवाल तो संघ व सरकार से था चम्पत राय जी के परिजनों का तो कोई मलतव ही नही था। संघ यह दावा करता है कि चम्पत राय जी के अपने परिवार से पिछले 40 सालों से कोई भी सम्बन्ध नही है ये इस बात की पोल खोलता है। बबीना के जिस श्री कृष्ण गोपाल महाविधालय के लिये चम्पत राय जी सिफारिशी पत्र लिखा था उस समय विधालय की प्रबन्ध कमेंटी में चम्पत राय जी के परिजन पदाधिकारी थें। उनका पत्र लिखना श्रीमती अल्का लाहोटी के आरोपों की पुष्टी करता दिखाई दे रहा है।
सवालों से चम्पत राय जी को दिक्कत थी तो वे स्वयं एफआईआर कराते , परिजनों का एफआई कराने का क्या औचित्य?
जैन हवाला कांड का खुलासा करने के बाद सुर्खीयों में आये पत्रकार विनीत नारायण ने कहा कि इस तरह के मसले उनके लिये नये नही है। इस तरह की बातों से न तो वे डरने वाले है ओर न पीछे हटने वाले है। असंगत धाराओं मे दर्ज हुए मुकदमें का कोर्ट में जबाब देगे। वे सच के लिये लडे है ओर हमेशा सच के लिये लडते रहेंगे।