मौतों के बाद एक्शन में प्रशासन: श्री पारस अस्पताल सील, मालिक पर केस दर्ज

आगरा में ऑक्सीजन संकट में मॉकड्रिल के कथित वीडियो वायरल होने से चर्चा में आए श्री पारस अस्पताल को सील किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने जांच के बाद मंगलवार दोपहर यह निर्णय लिया है। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया कि अस्पताल के खिलाफ महामारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज होगा। अस्पताल में 55 मरीज भर्ती हैं, जिन्हें सीएमओ की टीम शिफ्ट कराएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से 22 मरीजों की मौत की बात निराधार है। ऑक्सीजन कमी से एक भी मौत नहीं हुई है। अस्पताल में हुई सभी मौतों का अलग से सीएमओ टीम से ऑडिट कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तथाकथित वायरल वीडियो में कहा गया है कि मोदीनगर ड्राई हो गया है। इससे जन सामान्य में भय फैला। यह कृत्य महामारी में ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि 26 अप्रैल को 149 ऑक्सीजन सिलिंडर, 27 अप्रैल को 121 व 28 अप्रैल को 117 सिलिंडर श्री पारस अस्पताल को दिए गए थे। अस्पताल के पास 16 सिलिंडर रिजर्व थे। ऐसे में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी। उधर, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ऑक्सीजन बंद करने का कोई मॉकड्रिल नहीं हुआ है। अस्पताल ने 26-27 अप्रैल के मृतकों का ब्योरा भी जारी किया है।
चार वीडियो हुए हैं वायरल
श्री पारस अस्पताल में 26 अप्रैल को सुबह सात बजे पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद कर मॉकड्रिल की गई थी। उस भयावह पल को बयान करते छह मिनट के चार वीडियो वायरल हुए हैं। इनमें अस्पताल के संचालक अरिंजय जैन बता रहे हैं कि इस मॉकड्रिल से 22 मरीजों का दम घुटने लगा था और उनके हाथ-पैर नीले पड़ गए थे। इस दौरान अस्पताल में 96 मरीज भर्ती थे।
अस्पताल के संचालक के वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन से लेकर शासन तक इस मामले में हड़कंप मचा हुआ है। पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जा रही है। इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार को निशाने पर लिया है। प्रियंका ने पूछा है कि इस घटना का जिम्मेदार कौन है।