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आवासीय मानचित्र पर बनी अवैध 28 दुकानों के विकास प्राधिकरण ने उतरवाए शटर उच्च अधिकारियों के दबाव में विकास प्राधिकरण ने की कार्रवाई

आवासीय मानचित्र पर बनी अवैध 28 दुकानों के प्राधिकरण ने उतरवाए शटर,

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– उच्चाधिकारियों के दवाब में प्राधिकरण ने की कार्यवाही।।

 

 

वृन्दावन, आज सोमवार 07 जून को वृन्दावन के परिक्रमा मार्ग में गोरेदाऊजी मंदिर के पास श्रीकृष्णा धाम में स्वीकृत मानचित्र एवं मानकों के प्रतिकूल बनी 28 दुकानों पर विकास प्राधिकरण ने कार्यवाही करते हुए 28 दुकानों के शटर उतरवा दिये है।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार

सामाजिक कार्यकर्ता एड0 प्रहलादकृष्ण शुक्ला की शिकायत पर श्रीकृष्णा धाम में आवासीय नक्शे पर अवैध तौर पर बनी 28 दुकानों को मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण द्वारा करीब 6 माह पूर्व निर्माणाधीन भवन को मानक के विपरीत निर्माण के कारण सील कर दिया था।भवन स्वामी द्वारा विकास प्राधिकरण की अनुमति के बिना 28 दुकानों पर शटर लगा कर तैयार कर दिया गया जिन शटरों को आज प्राधिकरण ने कार्रवाही करते हुए उतरवा दिया, इस संदर्भ में जब एड0 प्रह्लाद कृष्ण शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 6 माह पूर्व प्राधिकरण द्वारा इस भवन को दिखावटी एवं खानापूर्ति के लिए सील किया गया था, लेकिन पिछले एक माह से प्राधिकरण द्वारा उपरोक्त दुकानों पर निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया एवं दुकानों पर शमन प्रक्रिया की जा रही थी, जिस पर उनके द्वारा आवासीय मानचित्र एवं माननीय न्यायालय के आदेशों के फलस्वरूप लिखित पत्र के माध्यम से आपत्ति भी दर्ज कराई, लेकिन आपत्ति के बावजूद भी प्राधिकरण की शह पर अर्वैध निर्माण कार्य जारी रहा। सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा उच्चाधिकारियों पूरे मामले से अवगत कराया कि किस तरह मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार पदाधिकारी शासन प्रशासन की आंखों में धूल झोंक माननीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। उसी शिकायत पर आज सभी 28 दुकानों की शटरें उतरवाई गयी है।

उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा कम्उपाउडिंग के नाम पर मोटी रिश्वत लेकर उपरोक्त 28 दुकानों पर शमन प्रक्रिया की जा रही थी, तब अधिवक्ता ने प्राधिकरण को बताया कि अभी हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा बहाल पुरानी शमन नीति के अन्तर्गत छोटे-मोटे परिवर्तन एवं परिवर्धन को कम्पाउंड किया जा सकता हैं, लेकिन आवासीय मानचित्र पर बनी कामर्शियल 28 दुकानों को कम्पाउंड किया जाना बिल्कुल गैरकानूनी है।

सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा उपरोक्त दुकानों के रक्षार्थ मा. हाईकोर्ट के आदेशों को दरकिनार किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि वे आज की इस कार्रवाही से संतुष्ट नही हैं। शिकायती पत्र में भविष्य में स्वीकृत मानचित्र एवं मानकों का पूर्णपालन करते हुए आवासीय मानचित्र के स्थान पर अवैध तौर बनी 28 दुकानों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए ध्वस्तीकरण की मांग की है।

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