आरोपी का पलक पांवडे बिछाकर स्वागत कर रहा शासन प्रशासन क्या निष्पक्ष जांच कर पायेगा? इसी को कहते है अंधेर नगरी चैपट राजा?
जिस संस्थान के खिलाफ जिलाधिकारी ने कोरोना मरीजों से मोटी रकम ऐठने व इलाज में लापरवाही बरतने के अरोपों पर एक माह पूर्व मजिस्टे्टी जांच के आदेश दिये थे। उसी संस्थान के प्रमुख का शासन व प्रशासन पलक पांवडे बिछाकर स्वागत कर रहा है। लोगो का कहना है कि आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हें कि एक माह पूर्व बैठी जांच का परिणाम क्या होगा।
30 मई को पत्रकारिता दिवस पर हुऐ आयोजन के बाद जनपद में इस बात की चर्चा है कि क्या निष्पक्ष जांच होगी या जांच मे लीपापोती कर उसे यहंी खत्म कर दिया जायेगा। लोगों का तो यहंां तक कहना है कि जनपद के आलाधिकारीयों के साथ साथ मन्त्री महोदय को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिये था कि जिसके संस्थान के खिलाफ हाल ही में जांच बैठी है उसके साथ सार्वजनिक रूप से कार्यक्रम में शामिल होने पर जनता में क्या संदेश जायेगा।
आपको बताते चले कि माह अपे्रल में कोरोना मरीजो से मेाटी रकम वसूलने व इलाज मे लापरवाही बरतने के आरोप में के डी मेडीकल काॅलेज व नयति मेडिसिटी के खिलाफ मई माह में जिलाधिकारी मथुरा नवनीत चहल ने दो सदस्सीय जांच बिठाई थी। जांच अधिकारीयों को जांच जल्द से जल्द पूरी करने के आदेश भी दियें थे। इस मामले मे जिलाधिकारी द्वारा 7 मई को हर आम ओ खास को के डी मेडीकल काॅलेज मे मेाटी रकम वसूलने व ईलाज मे लापरवाही बरतने के सन्दर्भ में अपने ब्यान दर्ज करने के लिये भी बुलाया था। जिसमंे करीब एक दर्जन लोगांे ने अपने ब्यान भी दर्ज कराये थें।
उस जांच में क्या हुआ अभी तक ये तो नही पता मगर आरोपी संस्थान के प्रमुख के साथ शासन प्रशासन के लोग उसका सम्मान करते जरूर नजर आये। जिससे जनता के गलियारों में इस चर्चा ने जोर पकड लियां कि संस्थान के खिलाफ बैठी जांच में क्या परिणाम आने वाला है।
वहीं अधिकारी है जिन्होने जांच का आदेश दिया है। जांच करने वाले अधिकारी भी वही हैे, यही वो लोग है जिनके खिलाफ जांच बैठी है। जनता का भरोसा तो उस दुल्हन की तरह है जहां लुटेरे ही डोली के साथ है।