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शामली में था खौफ:- कैराना पलायन का सूत्रधार था कुख्यात मुकीम काला, पढ़िए कब-कब हुईं वारदात

उत्तर प्रदेश के शामली में रंगदारी, डकैती और व्यापारियों की हत्या के बाद 2015 में कैराना से व्यापारियों का पलायन हुआ था जिसका मुख्य सूत्रधार मुकीम काला था। दिसंबर 2013 में कुख्यात मुकीम काला ने अपने तीन साथियों के साथ कस्बे के चार व्यापारियों मूला पंसारी, बिल्लू पेप्सी वाला, आयरन स्टोर के मालिक राजू शंकर और अंकुर सिनेमा वालों के पास जाकर रंगदारी की मांग की थी।

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इसके बाद चारों व्यापारियों को पुलिस सुरक्षा दे दी गई थी। 14 अगस्त 2014 में रंगदारी नहीं देने पर फुरकान गिरोह ने व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष विनोद सिंघल की हत्या कर दी थी। इसके ठीक आठ दिन बाद 24 अगस्त 2014 को मुकीम काला ने अपने गिरोह के साथ दिनदहाड़े सीओ ऑफिस के सामने आयरन स्टोर के मालिक ममरे भाई राजू और शंकर की ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर हत्या कर दी थी।

 

इसके बाद जिला शामली में भय का माहौल हो गया और शहर करीब 15 दिन तक बंद रहा।

 

एक महीने में रंगदारी के कारण तीन व्यापारियों की हत्या के बाद कैराना क्षेत्र में रंगदारी मांगने की बाढ़ सी आ गई। इसके बाद कैराना में हर तरफ दहशत और भय का माहौल बन गया और व्यापारी यहां से अपना कारोबार समेट कर दूसरे प्रदेशों में जाने लगे।

 

कैराना से भाजपा सांसद स्वर्गीय बाबू हुकुम सिंह द्वारा मई 2015 में व्यापारियों की पलायन की सूची जारी करने से देश में भूचाल आ गया था। मुकीम काला के नाम से कुछ अन्य बदमाशों ने भी रंगदारी की मांग करनी शुरू कर दी, जिसके बाद क्षेत्र में चारों ओर डर और भय का माहौल बन गया था।

वहीं 2016 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद मुकीम गिरोह की कमर टूटनी शुरू हो गई और मुकीम सहित सभी बदमाश जेलों में चले गए। मुकीम का राइट हैंड साबिर जिंदड़ी मैनपुरी जेल से फरार हो गया था, जिसे दो जनवरी 2018 में पुलिस ने उसके घर पर ही हुई मुठभेड़ में मार गिरा था। इस मुठभेड़ में पुलिस ने अपना एक जांबाज सिपाही अंकित तोमर भी खो दिया था

 

बात 2015 की है, जब कुख्यात मुकीम काला गैंग ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा हरियाणा और पंजाब तक वारदात कर दहशत पैदा कर दी थी। सहारनपुर के तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में डकैती, सिपाही राहुल ढाका की हत्या और कैराना (शामली) में व्यापारियों से रंगदारी मांगने व हत्या करने के बाद मुकीम काला गैंग पुलिस के रडार पर आ गया। गैंग में 20 से ज्यादा बदमाश हैं, जिनमें कई बदमाश पुलिस मुठभेड़ों में ढेर हुए तो, कई जेलों में बंद हैं।

 

मुकीम काला गैंग ने 15 फरवरी 2015 को सहारनपुर के तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में डकैती डाली थी, जबकि उसी दरमियान तीतरो में दो सगे भाइयों की हत्या और सहारनपुर शहर में सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर दी थी। बाद में 20 अक्तूबर 2015 को एसटीएफ ने मुकीम काला और उसके शार्प शूटर साबिर जंधेड़ी को गिरफ्तार किया। साबिर जंधेड़ी बाद में बाराबंकी जेल से न्यायालय ले जाते समय पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। इस दौरान मुकीम काला और इसके गिरोह के बदमाशों को कुछ राजनीतिक लोगों का संरक्षण भी मिल रहा था, जिस कारण इस गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो रही थी।

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