खूनी चुनाव, हत्यारा चुनाव आयोग, शादी के दिन दुल्हन की मौत, दुल्हन चुनाव डयूटी के दौरान हुई थी कोरोना संक्रमित। अब तक काल के गाल मे समा चुके है। 700 से अधिक चुनाव डयूटी करने वाले कर्मचारी
खूनी चुनाव, हत्यारा चुनाव आयोग, शादी के दिन दुल्हन की मौत, दुल्हन चुनाव डयूटी के दौरान हुई थी कोरोना संक्रमित। अब तक काल के गाल मे समा चुके है। 700 से अधिक चुनाव डयूटी करने वाले कर्मचारी
आपको उपर वाली लाईने चैकाने वाली लग रही है मगर यह सच है। हम बात कर रहे है यूपी में हाल ही में सम्पन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की जो खूनी चुनाव साबित हुआ है। अब तक चुनावों में डयूटी करने वाले 700 से अधिक लोगो की कोरोना से संक्रमित होने के बाद मौत हो गयी। ऐसा नही है कि चुनाव आयोग को इस बात का अन्दाजा नही था कि कोरोन संक्रमण बढेगा तो संक्रमण के आंकडे बढेगंे ओर संक्रमण पूरे प्रदेश को अपने आगोश मे ले लेगा।
चार चरणों के दौरान यह देखने को मिला कि चुनाव मे डयूटी करने वाले अधिकारी कबी प्रशिक्षण के दौरान कोरोना पाॅजिटिव हुए तो कभी नामांकन के दौरान। मतदान में भी बडी भारी मात्रा मे कोरोना पोजिटिव चुनाव कर्मचारी मिलें नतीजा ये हुआ कि 700 से अधिक कर्मचारयों की कोरोना से जूझते हुए मौत हो गयी। सरकार के लिये 700 मौतो का आंकडा शायद मायने न रखता हो। लेकिन उनके परिवार के लिये एक सदस्य कितना मायने रखता है ये परिजन ही जानते है। कोरोना से जान गंवाने वाले मृतक के परिजनों पर क्या बीत रही है शायद इसकी सुध लेने का वक्त भी शासन प्रशासन के पास नही है।
हाल ही का वाक्या सबके मन को झकझोर देने वाला हुआ है जब जौनपुर में शादी के दिन ही दुल्हन की मौत हो गयी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगराबाद शाहपुर नगर गुडहाई मुहल्ला निवासी संतोष मोदन वाल की बेटी ज्योति की शादी 30 अप्रेल को होनी थी। ज्योति मेरठ के प्राईमरी विधालय मे शिक्षिका थी जिसकी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न कराने के लिये तीसरे चरण मे डयूटी लगी थी। परिजनों को आरोपर है कि चुनाव सम्पन्न कराने के दौरान ही वह कोरोन पाॅजिटिव हो गयी। मेरठ मे ही इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। परिजनो को इस बात का मलाल है कि वे बेटी का मुहं तक नही देख पायें।
- कमोबेश ऐसे ही गमगीन हालात उन परिवारों के है जिनके अपने चुनाव आयोग की अदूर दर्शिता के चलते काल के गाल मे समा गये। शिक्षक संघ के नेताओ ंने चुनाव के दौरान कोरोना सकं्रमण से हुई मौतो का हवाला देते हुए मतगणना को भी स्थगित करने का अनुरोध किया था मगर चुनाव आयोग ने इस नजर अंदाज करते हुए मतगणना की घोषित तिथी को ही मतगणना कराने की बात कही है।