वीडियो बनाकर की लूटपाट, बाद में करने लगे ब्लैकमेल
महिला के साथ मिलकर प्रोफेसर को ब्लैकमेल करने वाले दो फर्जी पत्रकार गिरफ्तार
लखनऊ पुलिस के हाथ दो ऐसे फर्जी पत्रकार लगे हैं जो एक महिला के साथ मिलकर लोगों के अश्लील वीडियो बनाते थे और बाद में उनके साथ मारपीट व ब्लैकमेलिंग करते थे। जब एक प्रोफेसर के साथ ये घटना घटी तो उन्हाेने पीजीआई थाने में मुकदमा दर्ज करवाया जिसके बाद ये जालसाल पुलिस के हाथ लग सके।
लखनऊ राजधानी के पीजीआई थाना क्षेत्र में रहने वाले एक प्रोफेसर का दो फर्जी पत्रकारों ने एक महिला के साथ मिलकर नग्न वीडियो बनाया और लूटपाट की। इसके बाद वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए 10 लाख रूपये की भी मांग करने लगे। प्रोफेसर ने जब इसकी शिकायत पुलिस से की तो पुलिस ने सर्विलांस की मदद से दोनो फर्जी पत्रकारों को धर दबोचा, वहीं महिला अभी भी फरार है। घटना का खुलासा एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में किया।
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इंस्पेक्टर पीजीआई आशीष द्विवेदी ने बताया कि पीजीआई इलाके में रहने वाले एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की वृंदावन निवासी महिला से फोन पर बातचीत होती थी। बीते 15 फरवरी को महिला ने प्रोफेसर को अपने घर पर बुलाया था। प्रोफेसर महिला की बातों में आ गये और उसके घर चले गये। जब प्रोफेसर महिला के घर पहुंचे तो वहां पहले से दो फर्जी पत्रकार सत्येंद्र शर्मा और सौरभ सिंह मौजूद थे। दोनो युवकों ने महिला के साथ मिलकर पहले तो प्रोफेसर को पीटा फिर उनके कपड़े उतरवाकर उनका नग्न वीडियो बना लिया।
वीडियो बनाकर की लूटपाट, बाद में करने लगे ब्लैकमेल
इंस्पेक्टर आशीष कुमार द्विवेदी ने बताया कि दोनों युवकों व महिला ने प्रोफेसर की जेब में पड़े करीब 11 हजार रूपये, एटीएम व जरूरी कागजात छीन लिए साथ ही काफी देर तक बंधक भी बनाए रखा। हालांकि कुछ देर के बाद उन्होने प्रोफेसर को छोड़ दिया लेकिन प्रोफेसर का वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए 10 लाख रूपये की मांग भी की। प्रोफेसर का कहना है कि पहले तो वह बदनामी के डर से चुप रहे लेकिन जब लगातार जालसाज धमकाने लगे तो उन्हाेने गुरूवार को पीजीआई थाने में मुकदमा दर्ज करवाया।
दूसरे शख्स को चंगुल में फंसाने की फिराक में थे जालसाज
पुलिस के मुताबिक मुकदमा दर्ज करने के बाद उप निरीक्षक अजीत कुमार के नेत्रत्व में हेड कांस्टेबल विमल, हेड कांस्टेबल प्रवीण समेत कई पुलिस कर्मियों की एक टीम बनाई गयी और उन फर्जी पत्रकारों की तलाश शुरू हो गयी। शुक्रवार को मुखबिर द्वारा पता चला कि ये जालसाल किसी और शख्स को अपने चंगुल में फंसाने की फिराक में हैं। जाानकारी होते ही पुलिस ने सर्विलांस की मदद ली और व्रन्दावन स्थित चिरैयाबाग पुल के नीचे दोनो फर्जी पत्रकारों को धर दबोचा। पकड़े गये पत्रकारों के पास से एक ही नाम के 3 आधार कार्ड, प्रोफेसर का एटीएम, 5 हजार रूपये, शार्प मीडिया न्यूज व इंडिया वायस मीडिया माइक की दो आईडी और हांडा सिटी कार बरामद हुई।