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शर्मनाक:- मुख्यमंत्री योगी के गृह जनपद में खून से लथपथ 5 वर्षीय रेप पीड़ित बच्‍ची को BRD में छह घंटे तक भर्ती नहींं किया गया।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सामने आई डॉक्टरों की अमानवीयता झकझोरने वाली है। यहां खून से लथपथ कुशीनगर की रेप पीड़ित पांच साल की मासूम को गोद में लिए पिता छह घंटे तक इलाज के लिए भटकता रहा। डॉक्टर उसे भर्ती करने के बजाए एक विभाग से दूसरे विभाग तक दौड़ाते रहे। परेशान पिता घायल मासूम को लेकर गोरखनाथ मंदिर तक गया। इसके बावजूद डॉक्टरों ने पुलिस केस होने का हवाला देकर भर्ती करने से मना कर दिया। खड्डा विधायक के हस्तक्षेप पर इलाज शुरू हुआ।
दरिंदगी की शिकार कुशीनगर के नेबुआ नौरगिंया की पांच साल की मासूम को जिला अस्पताल से रेफर किए जाने पर परिजन शनिवार तड़के करीब सवा तीन बजे उसे लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। परिजन सबसे पहले उसे ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों के पास ले गए। वहां से उसे पीडियाट्रिक वार्ड में भेज दिया गया। पीडियाट्रिक वार्ड में मौजूद डॉक्टरों ने पुलिस केस, ट्रॉमा और गायनी केस का हवाला देकर वापस लौटा दिया। इसके बाद वापस ट्रॉमा लौटे। एक बार फिर उसे वहां से गायनी विभाग भेजा गया। गायनी में मौजूद डॉक्टरों ने सर्जरी केस बताते हुए भर्ती करने से इनकार कर दिया। करीब छह घंटे तक मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर एक वार्ड से दूसरे वार्ड में दौड़ाते रहे। खून से लथपथ बेटी को गोद में लेकर पिता यहां से वहां भागता रहा।

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गोरखनाथ मंदिर पहुंचे परिजन

सुबह सात बजे पिता का धैर्य जवाब देने लगा। उससे बेटी का दर्द देखा नहीं जा रहा था। लाचार पिता घायल बेटी को ऑटो से लेकर गोरखनाथ मंदिर पहुच गया। वहां पर कर्मचारियों ने पुलिस केस कराने की सलाह दी।

 

खड्डा विधायक के हस्तक्षेप पर शुरू हुआ इलाज

किसी ने इसकी सूचना खड्डा के विधायक जटाशंकर त्रिपाठी को दी। उन्होंने सुबह आठ बजे परिजनों से मोबाइल से बात की। परिजन गोरखनाथ मंदिर में बेटी को लेकर मौजूद थे। विधायक ने उनसे बीआरडी पहुंचने को कहा। उधर, वह भी पौने नौ बजे बीआरडी पहुंच गए। वहां विधायक ने प्राचार्य एवं दूसरे डॉक्टरों से मरीज को भर्ती करने को कहा। लेकिन डॉक्टर विधायक को भी टरकाने लगे। खबर है कि विधायक ने कालेज में ही धरना देने की धमकी दी। इसके बाद डॉक्टरों ने नौ बजे बच्ची को भर्ती कर इलाज शुरू किया।

 

रात में हुआ मासूम का ऑपरेशन
मासूम के प्राइवेट पार्ट से हो रहे रक्तस्राव को रोकने के लिए गायनी के डॉक्टरों ने शनिवार को उसका आपरेशन किया। ऑपरेशन दो घंटे चला। ऑपरेशन के बाद मासूम को एक बार फिर से आईसीयू में रखा गया। जहां से उसकी हालत में सुधार होने पर उसे इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। देर शाम कुशीनगर से पुलिस टीम भी अस्पताल पहुंची। पुलिस टीम ने मासूम का बयान लिया। डॉक्टरों के मुताबिक उसकी हालत में सुधार हो रहा है।

 

मुझे सुबह सात बजे किसी ने फोन पर मामले की सूचना दी। मैंने पहले परिजनों और फिर प्राचार्य से फोन पर बात की। करीब एक घंटे बाद परिजनों ने फिर सूचना दी कि मरीज भर्ती नहीं हुआ है। इसके बाद मैं खुद मेडिकल कॉलेज गया। वहां परिजन गेट के बाहर मासूम को लेकर बैठे थे। वहां से ट्रॉमा सेंटर ले गया। डॉक्टरों से बकझक भी हुई। उन्हें प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। तब जाकर मरीज को भर्ती किया।

जटाशंकर त्रिपाठी, विधायक खड्डा

 

बीआरडी पर गलत आरोप लग रहा है। मासूम के पहुंचने पर उसे तुरंत भर्ती किया गया। सुबह सात बजे विधायक का फोन आया। उससे पहले मासूम को भर्ती किया जा चुका था। यह मेडिको लीगल केस है। पुलिस की महिला कांस्टेबल साथ में नहीं थी। इस वजह से मेडिको लीगल में समस्या आ रही थी।

डॉ गणेश कुमार प्राचार्य बीआरडी

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