धर्मब्रेकिंग न्यूज़

गोपीनाथ बाजार स्थित श्री शुकाचार्य पीठ्म में परम पवित्र धनुर्मास में एकादश दिवसीय संक्रांति महोत्सव का समापन, विभिन्न वेदिक व धार्मिक अनुष्ठानों के साथ संम्पन्न हुआ

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वृंदावन ! अनुष्ठानों की श्रृंखला में आयोजित ” विद्वत् संगोष्ठी ” में श्री शुकाचार्य पीठ्म के पीठाधीश, डॉ रमेशचन्द्राचार्य, “विधिशास्त्री ” जी महाराज ने कहा कि संम्पूर्ण जीव मात्र में ईष्ट और परमात्मा का दर्शन करते हुए उसी भाव से जीव मात्र की सेवा करना ही जीवन की सार्थकता है
व्राह्मण सेवा संघ के अधिष्ठाता शिक्षाविद् पं.श्री चंन्द्र लाल शर्मा जी ने कहा कि वृंदावन की अति प्राचीन पीठ श्री शुकाचार्य पीठ्म आरंभ से ही विभिन्न समाजोपयोगी लोकोपकारी प्रकल्पों के माध्यम से समाजसेवा के कार्यों में रत है। जो अत्यंत सराहनीय हैं ।
बाँकेविहारी मंदिर के सेवायत ,आचार्य आनंन्दवल्लभ गोस्वामी जी ने कहा कि विद्यादान के साथ साथ अन्न वस्त्रादिक की सेवा कर श्री शुकाचार्य पीठ्म,, जनसेवा के कार्यो में अपनी सहभागिता आरंभ से ही करता चला आ रहा है जो श्री धाम वृंदावन का अति प्राचीन व सिद्ध भागवत पीठ है।
महामंण्डलेश्वर महंत श्री सच्चिदानंद दास शास्त्री जी महाराज को दास शास्त्री जी महाराज ने कहा कि श्री शुकाचार्य जी महाराज साक्षात् श्री, शुकदेव जी,,का ही अवतार माने जाते हैं जिन्होंने वैदिक सनातन धर्म संस्कृति का पोषण किया ,, ज्ञान को और सेवा,का एक आधार माना। ।
इस अवसर पर अनेकों संतों, विद्वानों ने अपने वक्तव्यों में अपने अपने विचार रखे
कार्यक्रम में अग्रणी भूमिका निभा रहे, उपस्थित जनों में

सर्व श्री पं. चंद्रलाल शर्मा जी, आचार्य आनंन्द वल्लभ गोस्वामी श्याम सुन्दर वृजबासी,,श्री शंभूचरण पाठक जी पं. सुरेश चंद्र शर्मा,,महेश भारद्वाज श्री अनूप शर्मा,,संजय शर्मा,, संतोष बाबू सिंघल,कुंवर भरणीश प्रताप सिंह, श्री ज्ञान प्रकाश जी गोयल, ओमप्रकाश जी गुप्ता, श्री गणेश जी शाह एडवोकेट ,भूतिकृष्ण आचार्य,श्री विमलचैतन्य जी महाराज,, एव॔ श्रीमती किरण,श्रीमती ममता देवी,श्रीमती गायत्री देवी ,श्रीमती मंजू शाह,श्रीमती मीना जी, श्री मोहन जी गौड़,श्री पवन जी गौड़,श्री गोविंद जी पचौरी, छैलबिहारी शर्मा, महन्त नारायण दास, चितरंजन दास आदि सहित अनेकों स्थानीय जन, व प्रवासी भक्त गण उपस्थित रहे ,कार्यक्रम का संचालन पं. जगदीश नीलम ने किया,तथा धन्यवाद ज्ञापन अनूप शर्मा जी ने किया। ।
इसी के साथ इस संक्रांति महामहोत्सव के समापन की घोषणा हुई।

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